ई-पुस्तकें >> मेरे गीत समर्पित उसको मेरे गीत समर्पित उसकोकमलेश द्विवेदी
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कानपुर का गीत विधा से चोली-दामन का रिश्ता है। यहाँ का कवि चाहे किसी रस में लिखे
मानव-जीवन अपने-आप में तो वरदान है ही किन्तु मानव-जीवन को भी परमात्मा ने जो सबसे बड़ा वरदान दिया है, वह है प्रेम। प्रेम एक ऐसी अनुभूति है जिसकी अभिव्यक्ति सुकोमल फूलों की आनंददायी सुगंध के रूप में मन और सारे वातावरण को महकाकर व्यक्ति के व्यवहार को सुकोमल बनाती है। इंसान के लिए प्रेम से बड़ा अन्य कोई प्रेरणा-स्रोत भी नहीं है। वह प्रस्थान-बिन्दु भी है और लक्ष्य भी। प्रेम जीवन में रस तो घोलता ही है, जीवन के रहस्य भी खोलता है। प्रेम, प्रेम करने वाले के जीवन को तो सुंदर बनाता ही है, संसार को भी सुंदर बनाने की कल्पना करता है। प्रेम व्यक्ति को दूसरों से भी जोड़ता है। प्रेम की आहट मात्र ही व्यक्ति को भाव-विभोर बना देती है और बिन्दु को विस्तृत आकार देती है। प्रेम ही व्यक्ति का व्यक्ति तक और ईश्वर तक पहुँचने का सबसे सरल रास्ता है। कविवर डॉ कमलेश द्विवेदी ने भी हिन्दी तथा अन्य भाषाओं के कवियों की तरह अपने इस गीत-संग्रह में इसी प्रेम की विभिन्न छवियों को बहुत सुंदर ढंग से अभिव्यक्त किया है।
मेरे गीत समर्पित उसको..
अनुक्रम
- मेरे गीत समर्पित उसको..
- हरफनमौला कवि : डॉ.कमलेश द्विवेदी
- अपने काव्य-गुरु डॉ. कमलेश द्विवेदी जी के प्रति
- मन के गीतों को भी लोग सुनें...
- समर्पण
- प्यारे गीतों का सुंदर गुलदस्ता है
- 1. विनती करूँ लेखनी तुझसे
- 2. माँ का प्यार नहीं है
- 3. जो गीत तुम्हारे लिए लिखे
- 4. तुम ही तुम हो लाखों में
- 5. मैं पत्थर था मैं पत्थर हूँ
- 6. मन पर अधिकार तुम्हारा है
- 7. आज तुम्हारा अलबम देखा
- 8. जो तुमसे प्यार न करता मैं
- 9. फूल तुम्हारी राह में
- 10. आओ हम बात करें
- 11. नेह-नदी
- 12. गीत ख़ुशी के गाये जा
- 13. इतना तो विश्वास करो
- 14. महके चमन हमारा
- 15. तेरे अधरों की चौपाई
- 16. पूरी कहो कहानी
- 17. मुझको मेरा गीत मिल गया
- 18. क्या है मुझको यार बता
- 19. किससे दर्द कहें
- 20. मन करता है मैं रूठूँ
- 21. तुम उससे प्यार नहीं करना
- 22. अब तक केवल उसे जिया है
- 23. दिल हम कभी न तोड़ें
- 24. उससे दिल की कह ही डाली
- 25. हम न अभी तक कह पाये हैं
- 26. कितनी प्रीति हमारी गहरी
- 27. तुम ही मेरा जीवन हो
- 28. मुझको तुमसे प्यार नहीं है
- 29. आख़िरकार मामला क्या है
- 30. तुम जीते हम हारे
- 31. मैंने दिल का प्रश्न किया तो
- 32. हुए तुम क्यों इतने मजबूर
- 33. रोज़ सवेरे
- 34. सोलह आने तुम दोषी हो
- 35. मन करता है साथ तुम्हारे
- 36. बादल छाये हैं
- 37. दिल में कितनी ही बातें हैं
- 38. जिसके मन से मन मिल जाता
- 39. मन ने याद किया है
- 40. हम पावस के गीत
- 41. हम हो जायें गंगासागर
- 42. अपने भी बेगाने लगते हैं
- 43. उससे क्या रिश्ता-नाता है
- 44. कभी तुम्हारी कॉल न आई
- 45. अनायास ही इस जीवन में
- 46. मेरा गीत उदास न होगा
- 47. पत्र पुराने पाये
- 48. मन की पुस्तक
- 49. काबिज़ याद तुम्हारी है
- 50. केवल वही सगा होता है
- 51. ये दुनिया दीवानों की है
- 52. मैं खोया-खोया रहता हूँ
- 53. सपने ही मेरा जीवन है
- 54. लाजवाब लिख दूँ मैं
- 55. कितने गहरे नाते हैं
- 56. ग़ज़लें तुझे बुलायेंगी
- 57. आज नहीं तो कल आओगे
- 58. वो चित्रों से बोल रहा हूँ
- 59. अपने गीत सुनाता हूँ
- 60. दो बातें करने को
- 61. दो पल साथ हमारे बैठो
- 62. मैंने दिल की बात कही
- 63. और किसी से प्यार न करना
- 64. तुम मेरे सपनों में आते
- 65. जो हम सोचें वो तुम सोचो
- 66. मेरे गीत चले आओ ना
- 67. जैसे रहती है पावनता
- 68. हमको दिल से प्यार
- 69. कब तक यों तोड़ोगे वादे
- 70. हमने गीत लिखा है
- 71. अब तक जब संयोग लिखा है
- 72. कुछ हमने गीत लिखे
- 73. तुम अपनी ग़ज़ल सुनाओ
- 74. बचपन की अनुभूति
- 75. तेरा स्वर कानों में गूँजा
- 76. तुम नदिया के पार चलो
- 77. गीतों का उपहार
- 78. प्रकाश तू ही फैलाती है
- 79. फिर आये दिन इन्द्रधनुष के
- 80. पर वो भी तो प्यार करे
- 81. मैंने अम्बर चूम लिया
- 82. जाने ये कैसे रिश्ते हैं
- 83. प्रेम का मुझको अर्थ बताओ
- 84. मन के गीत लिखूँ मैं
- 85. कुछ शब्दों में कैसे कह दूँ
- 86. आज पत्र में लिखता हूँ मैं
- 87. तुम मुझे छोड़ कर मत जाना
- 88. तेरा रूप सलोना
- 89. तुम पर जो विश्वास किया है
- 90. तेरी याद दिला जाता है
- 91. सुबह स्वप्न में देखा मैंने
- 92. हमने कभी न सोचा था
- 93. इंतज़ार की हद होती है
- 94. बादल हो बरसात न हो तो
- 95. गीत अधूरा रह जायेगा
- 96. तुम मेरे जीवन में आये
- 97. तुम कितने अच्छे लगते हो
- 98. आओ हम-तुम प्यार करें
- 99. मन के गीतों को भी लोग सुनें
- 100. कितने रिश्तों को ठुकराकर
- 101. कल तक मुझसे दूर बहुत था
- 102. जो कभी किसी से नहीं कहा
- 103. मुझको थोड़ी ख़ुशी मिली
- 104. अपने गीतों में हम
- 105. हम करते हैं यही कामना
- 106. महकाने का वादा करके
- 107. बोलो अब कैसे बोलूँ मैं
- 108. कैसे पावस गीत लिखूँ मैं
- 109. मन पर कैसे कोई काबू पाये
- 110. फिर स्मृति में आया कोई
- 111. जाओ-जाओ साथी जाओ
- 112. अब न कभी भी प्यार करेंगे
- 113. ग़म के साथ ख़ुशी भी देखो
- 114. कभी न सोचो
- 115. कितना मुश्किल है ख़ुश रहना
- 116. गंगा बहती जाये रे
- 117. देखो फिर सावन आया है
- 118. गीत स्वयं बन जायेंगे हम
- 119. आगे बढ़ना सीख रहा हूँ
- 120. वो नाराज़ हो गया
- 121. शब्दों की नइया
- 122. कोई पेड़ लगाता है
- 123. रिश्ते-नाते चक्रव्यूह हैं
- 124. कसे रहो पतवार निरंतर
- 125. जब तक जड़ से जुड़े रहोगे
- 126. कितनी अधिक ख़ुशी मिलती है
- 127. हम बादल हैं
- 128. सपने तो सपने होते हैं
- 129. हरा नहीं हो सकता है
- 130. मुझको यह विश्वास नहीं है
- 131. समझ न पाये जीवन को गहराई से
- 132. आज सफ़र से लौटे हैं हम
- 133. मन चमन हो गया
- 134. वैसे ही दिन फिर आयेंगे
- डॉ॰ कमलेश द्विवेदी
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