लोगों की राय

ई-पुस्तकें >> मेरे गीत समर्पित उसको

मेरे गीत समर्पित उसको

कमलेश द्विवेदी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :295
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9589
आईएसबीएन :9781613015940

Like this Hindi book 7 पाठकों को प्रिय

386 पाठक हैं

कानपुर का गीत विधा से चोली-दामन का रिश्ता है। यहाँ का कवि चाहे किसी रस में लिखे

13. इतना तो विश्वास करो

 

भले न मेरी ख़ातिर कोई काम आम या ख़ास करो।
मैं तुमसे कुछ झूठ न कहता इतना तो विश्वास करो।।

माना कभी अकारण तुमसे
कोई बात छिपा ली होगी।
पर जब तुमने पूछा होगा
सच्ची बात बता दी होगी।
जानबूझ कर कुछ न छिपाता इसका तो अहसास करो।
मैं तुमसे कुछ झूठ न कहता इतना तो विश्वास करो।।

जब अपने हो तुम न करोगे
गैर कहाँ विश्वास करेगा।
हर कोई मेरी सच्चाई
का केवल उपहास करेगा।
कोई और भले ही कर ले तुम न कभी उपहास करो।
मैं तुमसे कुछ झूठ न कहता इतना तो विश्वास करो।।

एक तुम्हीं हो जिसके आगे
मैंने दिल की पुस्तक खोली।
जो न किसी से कही कभी भी
वो हर बात तुम्हीं से बोली।
अब सब कुछ तुम पर है चाहे फेल करो या पास करो।
मैं तुमसे कुछ झूठ न कहता इतना तो विश्वास करो।।

 

¤ ¤

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

लोगों की राय

No reviews for this book