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ई-पुस्तकें >> मेरे गीत समर्पित उसको

मेरे गीत समर्पित उसको

कमलेश द्विवेदी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :295
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9589
आईएसबीएन :9781613015940

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कानपुर का गीत विधा से चोली-दामन का रिश्ता है। यहाँ का कवि चाहे किसी रस में लिखे

130. मुझको यह विश्वास नहीं है

 

आज सभी हैं पास तुम्हारे कोई मेरे पास नहीं है।
लेकिन कल भी ऐसा होगा मुझको यह विश्वास नहीं है।।

तुम चाहो तो चंदा निकले
तुम चाहो तो सूरज आये।
पवन तुम्हारी अनुमति के बिन
कोई पत्ता नहीं डुलाये।
आज सभी हैं दास तुम्हारे कोई मेरा दास नहीं है।
लेकिन कल भी ऐसा होगा मुझको यह विश्वास नहीं है।।

लिखते लोग प्रशस्ति तुम्हारी
जगह-जगह पर हों चर्चायें।
और तुम्हारे अभिनन्दन में
आयोजित हों रोज़ सभायें।
आज सभी हैं ख़ास तुम्हारे कोई मेरा ख़ास नहीं है।
लेकिन कल भी ऐसा होगा मुझको यह विश्वास नहीं है।।

चाहे जैसा भी तुम बोलो
आज सभी हो जाते राज़ी।
कोई पीसे कोई काटे
तुम्हीं जीतते हो हर बाज़ी।
आज सभी हैं ताश तुम्हारे कोई मेरा ताश नहीं है।
लेकिन कल भी ऐसा होगा मुझको यह विश्वास नहीं है।।

 

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