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ई-पुस्तकें >> मेरे गीत समर्पित उसको

मेरे गीत समर्पित उसको

कमलेश द्विवेदी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :295
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9589
आईएसबीएन :9781613015940

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कानपुर का गीत विधा से चोली-दामन का रिश्ता है। यहाँ का कवि चाहे किसी रस में लिखे

95. गीत अधूरा रह जायेगा

 

अभी छोड़कर साथ न जाओ गीत अधूरा रह जायेगा।
अभी पड़ी है रात न जाओ गीत अधूरा रह जायेगा।।

कुछ सपने ही दिखे अभी तक
कितने अभी और दिखने है।
अभी गीत का प्रथम चरण है
कितने अभी और लिखने हैं।
अभी हुई शुरुआत न जाओ गीत अधूरा रह जायेगा।
अभी छोड़कर साथ न जाओ गीत अधूरा रह जायेगा।।

आज मिला जो अवसर मुझको
पता नहीं कब मिले दुबारा।
आज खिला जो फूल हृदय में
पता नहीं कब खिले दुबारा।
देकर यों आघात न जाओ गीत अधूरा रह जायेगा।
अभी छोड़कर साथ न जाओ गीत अधूरा रह जायेगा।।

आधे रस्ते में मत छेड़ो
तुमको यह अधिकार नहीं है।
कहना है तो सीधे कह दो-
तुमको मुझसे प्यार नहीं है।
मानो मेरी बात न जाओ गीत अधूरा रह जायेगा।
अभी छोड़कर साथ न जाओ गीत अधूरा रह जायेगा।।

 

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