ई-पुस्तकें >> मेरे गीत समर्पित उसको मेरे गीत समर्पित उसकोकमलेश द्विवेदी
|
7 पाठकों को प्रिय 386 पाठक हैं |
कानपुर का गीत विधा से चोली-दामन का रिश्ता है। यहाँ का कवि चाहे किसी रस में लिखे
23. दिल हम कभी न तोड़ें
कोई नियम बनायें चाहें किसी नियम को छोड़ें।
पर नियमों के लिए किसी का दिल हम कभी न तोड़ें।
नियमों का उद्देश्य यही है-
जीवन सहज-सरल हो जाये।
कोई अगर समस्या आये
आसानी से हल हो जाये।
ऐसे नियम ताक पर रख दें जो मुश्किल से जोड़ें।
पर नियमों के लिए किसी का दिल हम कभी न तोड़ें।।
नियम हमारे लिए बने हैं
हम नियमों के लिए नहीं हैं।
नियम-विरुद्ध कभी हों फिर भी
हमको लगता हमीं सही हैं।
ऐसी स्थिति में नियमों को थोड़ा तोड़े-मोड़ें।
पर नियमों के लिए किसी का दिल हम कभी न तोड़ें।।
वैसे तो नियमों पर चलना
ही अच्छा माना जाता है।
पर नियमों पर चलना ही जब
दर्द किसी को पहुँचाता है।
तो लगता- ऐसे नियमों की चादर हम क्यों ओढ़ें।
पर नियमों के लिए किसी का दिल हम कभी न तोड़ें।।
पर नियमों के लिए किसी का दिल हम कभी न तोड़ें।
नियमों का उद्देश्य यही है-
जीवन सहज-सरल हो जाये।
कोई अगर समस्या आये
आसानी से हल हो जाये।
ऐसे नियम ताक पर रख दें जो मुश्किल से जोड़ें।
पर नियमों के लिए किसी का दिल हम कभी न तोड़ें।।
नियम हमारे लिए बने हैं
हम नियमों के लिए नहीं हैं।
नियम-विरुद्ध कभी हों फिर भी
हमको लगता हमीं सही हैं।
ऐसी स्थिति में नियमों को थोड़ा तोड़े-मोड़ें।
पर नियमों के लिए किसी का दिल हम कभी न तोड़ें।।
वैसे तो नियमों पर चलना
ही अच्छा माना जाता है।
पर नियमों पर चलना ही जब
दर्द किसी को पहुँचाता है।
तो लगता- ऐसे नियमों की चादर हम क्यों ओढ़ें।
पर नियमों के लिए किसी का दिल हम कभी न तोड़ें।।
¤ ¤
|
लोगों की राय
No reviews for this book