लोगों की राय

ई-पुस्तकें >> मेरे गीत समर्पित उसको

मेरे गीत समर्पित उसको

कमलेश द्विवेदी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :295
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9589
आईएसबीएन :9781613015940

Like this Hindi book 7 पाठकों को प्रिय

386 पाठक हैं

कानपुर का गीत विधा से चोली-दामन का रिश्ता है। यहाँ का कवि चाहे किसी रस में लिखे

84. मन के गीत लिखूँ मैं

 

अपनी साँसों के अपनी धड़कन के गीत लिखूँ मैं।
जब-जब तुमसे मुलाकात हो मन के गीत लिखूँ मैं।।

कितना प्यार दिया है तुमने
कितना प्यार दिया है।
मैंने जो भी चाहा तुमने
वो अधिकार दिया है।
यों ही मुझसे बँधे रहो बंधन के गीत लिखूँ मैं।
पतझर के मौसम में भी सावन के गीत लिखूँ मैं।।

जब भी कभी सामने बैठो
मैं बस तुम्हें निहारूँ।
पल-पल ख़ुद को देखूँ, पल-पल
अपना रूप सँवारूँ।
ऐसे मुझे सँवारो तो दरपन के गीत लिखूँ मैं।
मेरे और तुम्हारे अपनेपन के गीत लिखूँ मैं।।

यों तो सारी दुनिया को मैं
अपने गीत सुनाऊँ।
लेकिन मन से सदा तुम्हारी
ख़ातिर ही मैं गाऊँ।
तुम भी सँग-सँग गाओ तो बचपन के गीत लिखूँ मैं।
मीठी सुधियों वाले घर-आँगन के गीत लिखूँ मैं।।

 

¤ ¤

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

लोगों की राय

No reviews for this book