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ई-पुस्तकें >> मेरे गीत समर्पित उसको

मेरे गीत समर्पित उसको

कमलेश द्विवेदी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :295
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9589
आईएसबीएन :9781613015940

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कानपुर का गीत विधा से चोली-दामन का रिश्ता है। यहाँ का कवि चाहे किसी रस में लिखे

44. कभी तुम्हारी कॉल न आई

 

बीत गए कितने दिन लेकिन कभी तुम्हारी कॉल न आई।
और न कोई उत्तर मिलता जब भी मैं करता हूँ ट्राई।।

पूरी-पूरी रिंग जाती है
मगर फोन तुम नहीं उठाते।
इसके पीछे कारण क्या है
वो भी मुझको नहीं बताते।
नम्बर-वम्बर बदल लिया हो तो भी मुझे बता दो भाई।
बीत गए कितने दिन लेकिन कभी तुम्हारी कॉल न आई।।

फोन न करना चाहो तो फिर
कभी किसी दिन घर आ जाओ।
कुछ मैं अपनी तुम्हें सुनाऊँ
कुछ तुम अपनी मुझे सुनाओ।
कब से गीत न सुना तुम्हारा और न अपनी ग़ज़ल सुनाई।
बीत गए कितने दिन लेकिन कभी तुम्हारी कॉल न आई।।

अगर कभी कुछ बुरा लगा हो
तो भी मुझको साफ़ बता दो।
रूठे हो तो रूठे रहना
मगर मनाने का मौका दो।
प्यार-व्यार में सब चलता है- कभी खटाई कभी मिठाई।
बीत गए कितने दिन लेकिन कभी तुम्हारी कॉल न आई।।

 

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