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ई-पुस्तकें >> मेरे गीत समर्पित उसको

मेरे गीत समर्पित उसको

कमलेश द्विवेदी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :295
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9589
आईएसबीएन :9781613015940

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कानपुर का गीत विधा से चोली-दामन का रिश्ता है। यहाँ का कवि चाहे किसी रस में लिखे

11. नेह-नदी

 

मैं हूँ एक किनारा तू भी एक किनारा है।
हमको जोड़े नेह-नदी की पावन धारा है।।

हम दिन-दिन भर रात-रात भर
साथ-साथ रहते।
नेह-नदी की धारा के सँग
साथ-साथ बहते।
फिर भी अचल दिखाई देता रूप हमारा है।
हमको जोड़े नेह-नदी की पावन धारा है।।

वैसे तो पुल से भी अपने
हैं रिश्ते-नाते।
मगर नेह के नाते उससे
कितने जुड़ पाते।
ऐसे में इक बड़ा सहारा नेह तुम्हारा है।
हमको जोड़े नेह-नदी की पावन धारा है।।

इक-दूजे का साथ हमेशा
हमें निभाना है।
नेह-नदी को नेह-सिंधु तक
लेकर जाना है।
इसके लिये समर्पित अपना जीवन सारा है।
हमको जोड़े नेह-नदी की पावन धारा है।।

 

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