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मेरे गीत समर्पित उसको
मेरे गीत समर्पित उसको
प्रकाशक :
भारतीय साहित्य संग्रह |
प्रकाशित वर्ष : 2016 |
पृष्ठ :295
मुखपृष्ठ :
ईपुस्तक
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पुस्तक क्रमांक : 9589
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आईएसबीएन :9781613015940 |
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7 पाठकों को प्रिय
386 पाठक हैं
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कानपुर का गीत विधा से चोली-दामन का रिश्ता है। यहाँ का कवि चाहे किसी रस में लिखे
11. नेह-नदी
मैं हूँ एक किनारा तू भी एक किनारा है।
हमको जोड़े नेह-नदी की पावन धारा है।।
हम दिन-दिन भर रात-रात भर
साथ-साथ रहते।
नेह-नदी की धारा के सँग
साथ-साथ बहते।
फिर भी अचल दिखाई देता रूप हमारा है।
हमको जोड़े नेह-नदी की पावन धारा है।।
वैसे तो पुल से भी अपने
हैं रिश्ते-नाते।
मगर नेह के नाते उससे
कितने जुड़ पाते।
ऐसे में इक बड़ा सहारा नेह तुम्हारा है।
हमको जोड़े नेह-नदी की पावन धारा है।।
इक-दूजे का साथ हमेशा
हमें निभाना है।
नेह-नदी को नेह-सिंधु तक
लेकर जाना है।
इसके लिये समर्पित अपना जीवन सारा है।
हमको जोड़े नेह-नदी की पावन धारा है।।
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पुस्तक का नाम
मेरे गीत समर्पित उसको
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