ई-पुस्तकें >> मेरे गीत समर्पित उसको मेरे गीत समर्पित उसकोकमलेश द्विवेदी
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कानपुर का गीत विधा से चोली-दामन का रिश्ता है। यहाँ का कवि चाहे किसी रस में लिखे
10. आओ हम बात करें
आओ हम बात करें आओ हम बात करें।
कभी-कभी उत्तर दें कभी सवालात करें।।
बातें हों काम की
बातें हों दाम की।
पर ज़्यादा बातें हों
मन के आराम की।
चाहें कुछ पलों करें चाहें दिन-रात करें।
आओ हम बात करें आओ हम बात करें।।
बातें हों फूल की
बातें हों खार की।
पर ज़्यादा बातें हों
मन के श्रृंगार की।
नेह भरी इक-दूजे पर हम बरसात करें।
आओ हम बात करें आओ हम बात करें।।
बातें हों दूर की
बातें हों पास की।
पर ज़्यादा बातें हों
मन के विश्वास की।
अंत भला हो चाहे जैसी शुरुआत करें।
आओ हम बात करें आओ हम बात करें।।
कभी-कभी उत्तर दें कभी सवालात करें।।
बातें हों काम की
बातें हों दाम की।
पर ज़्यादा बातें हों
मन के आराम की।
चाहें कुछ पलों करें चाहें दिन-रात करें।
आओ हम बात करें आओ हम बात करें।।
बातें हों फूल की
बातें हों खार की।
पर ज़्यादा बातें हों
मन के श्रृंगार की।
नेह भरी इक-दूजे पर हम बरसात करें।
आओ हम बात करें आओ हम बात करें।।
बातें हों दूर की
बातें हों पास की।
पर ज़्यादा बातें हों
मन के विश्वास की।
अंत भला हो चाहे जैसी शुरुआत करें।
आओ हम बात करें आओ हम बात करें।।
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