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ई-पुस्तकें >> मेरे गीत समर्पित उसको

मेरे गीत समर्पित उसको

कमलेश द्विवेदी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :295
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9589
आईएसबीएन :9781613015940

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कानपुर का गीत विधा से चोली-दामन का रिश्ता है। यहाँ का कवि चाहे किसी रस में लिखे

72. कुछ हमने गीत लिखे

 

कुछ हमने गीत लिखे अपने संबंधों के।
जो किये स्वयं से ही ऐसे कुछ द्वंद्वों के।।

कुछ वचन अधूरे हैं
कुछ कोमल स्मृतियाँ।
कुछ भाव हमारे हैं
कुछ तेरी आकृतियाँ।
महके थे स्वप्न कभी जिनसे उन गंधों के।
कुछ हमने गीत लिखे अपने संबंधों के।।

जो मन में है पीड़ा
उसका आभास लिये।
ये पंक्ति-पंक्ति में हैं
कितने वनवास लिये।
जो हुए नहीं पूरे ऐसे अनुबंधों के।
कुछ हमने गीत लिखे अपने संबंधों के।।

तप कहीं भगीरथ-सा
तृष्णा है चातक-सी।
वेदना यक्ष-सी भी
इनमें है रची-बसी।
जो तोड़ न पाये हम ऐसी सौगंधों के।
कुछ हमने गीत लिखे अपने संबंधों के।।

 

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