ई-पुस्तकें >> मेरे गीत समर्पित उसको मेरे गीत समर्पित उसकोकमलेश द्विवेदी
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कानपुर का गीत विधा से चोली-दामन का रिश्ता है। यहाँ का कवि चाहे किसी रस में लिखे
18. क्या है मुझको यार बता
क्या है मुझको यार बता।
क्या होता है प्यार बता।।
ये सच्चाई- ख़्वाब कभी
आफ़ताब- महताब कभी।
अमृत कभी- शराब कभी
अच्छा कभी- ख़राब कभी।
फूल कि है ये खार बता।
क्या होता है प्यार बता।।
ये दिन है तो- रात कभी
जीत कभी है- मात कभी।
तनहाई है- साथ कभी
ज्ञात कभी- अज्ञात कभी।
तट है या मँझधार बता।
क्या होता है प्यार बता।।
ये पावन है- दाग़ कभी
प्राप्ति कभी है- त्याग कभी।
चन्दन है तो- नाग कभी
पानी है तो- आग कभी।
बाधा या रफ़्तार बता।
क्या होता है प्यार बता।।
ये आँसू- मुस्कान कभी
मान कभी- अपमान कभी।
चतुर कभी- नादान कभी
सब जाने- अनजान कभी।
फ़र्ज कि है अधिकार बता।
क्या होता है प्यार बता।।
ये नदिया है- नाव कभी
रस्ता है- भटकाव कभी।
कर्म कभी है- भाव कभी
मरहम है तो- घाव कभी।
मर्ज कि है उपचार बता।
क्या होता है प्यार बता।।
ये कमज़ोरी- शक्ति कभी
मौन कभी- अभिव्यक्ति कभी।
है विरक्ति- अनुरक्ति कभी
आकर्षण है- भक्ति कभी।
पुल है या दीवार बता।
क्या होता है प्यार बता।।
चाहें जितना भी कह लो
बात न होती पूरी है।
इसकी हर इक परिभाषा
रहती सदा अधूरी है।
कितना दूँ विस्तार बता।
क्या होता है प्यार बता।।
क्या होता है प्यार बता।।
ये सच्चाई- ख़्वाब कभी
आफ़ताब- महताब कभी।
अमृत कभी- शराब कभी
अच्छा कभी- ख़राब कभी।
फूल कि है ये खार बता।
क्या होता है प्यार बता।।
ये दिन है तो- रात कभी
जीत कभी है- मात कभी।
तनहाई है- साथ कभी
ज्ञात कभी- अज्ञात कभी।
तट है या मँझधार बता।
क्या होता है प्यार बता।।
ये पावन है- दाग़ कभी
प्राप्ति कभी है- त्याग कभी।
चन्दन है तो- नाग कभी
पानी है तो- आग कभी।
बाधा या रफ़्तार बता।
क्या होता है प्यार बता।।
ये आँसू- मुस्कान कभी
मान कभी- अपमान कभी।
चतुर कभी- नादान कभी
सब जाने- अनजान कभी।
फ़र्ज कि है अधिकार बता।
क्या होता है प्यार बता।।
ये नदिया है- नाव कभी
रस्ता है- भटकाव कभी।
कर्म कभी है- भाव कभी
मरहम है तो- घाव कभी।
मर्ज कि है उपचार बता।
क्या होता है प्यार बता।।
ये कमज़ोरी- शक्ति कभी
मौन कभी- अभिव्यक्ति कभी।
है विरक्ति- अनुरक्ति कभी
आकर्षण है- भक्ति कभी।
पुल है या दीवार बता।
क्या होता है प्यार बता।।
चाहें जितना भी कह लो
बात न होती पूरी है।
इसकी हर इक परिभाषा
रहती सदा अधूरी है।
कितना दूँ विस्तार बता।
क्या होता है प्यार बता।।
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