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ई-पुस्तकें >> मेरे गीत समर्पित उसको

मेरे गीत समर्पित उसको

कमलेश द्विवेदी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :295
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9589
आईएसबीएन :9781613015940

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कानपुर का गीत विधा से चोली-दामन का रिश्ता है। यहाँ का कवि चाहे किसी रस में लिखे

18. क्या है मुझको यार बता

 

क्या है मुझको यार बता।
क्या होता है प्यार बता।।

ये सच्चाई- ख़्वाब कभी
आफ़ताब- महताब कभी।
अमृत कभी- शराब कभी
अच्छा कभी- ख़राब कभी।
फूल कि है ये खार बता।
क्या होता है प्यार बता।।

ये दिन है तो- रात कभी
जीत कभी है- मात कभी।
तनहाई है- साथ कभी
ज्ञात कभी- अज्ञात कभी।
तट है या मँझधार बता।
क्या होता है प्यार बता।।

ये पावन है- दाग़ कभी
प्राप्ति कभी है- त्याग कभी।
चन्दन है तो- नाग कभी
पानी है तो- आग कभी।
बाधा या रफ़्तार बता।
क्या होता है प्यार बता।।
ये आँसू- मुस्कान कभी
मान कभी- अपमान कभी।
चतुर कभी- नादान कभी
सब जाने- अनजान कभी।
फ़र्ज कि है अधिकार बता।
क्या होता है प्यार बता।।

ये नदिया है- नाव कभी
रस्ता है- भटकाव कभी।
कर्म कभी है- भाव कभी
मरहम है तो- घाव कभी।
मर्ज कि है उपचार बता।
क्या होता है प्यार बता।।

ये कमज़ोरी- शक्ति कभी
मौन कभी- अभिव्यक्ति कभी।
है विरक्ति- अनुरक्ति कभी
आकर्षण है- भक्ति कभी।
पुल है या दीवार बता।
क्या होता है प्यार बता।।

चाहें जितना भी कह लो
बात न होती पूरी है।
इसकी हर इक परिभाषा
रहती सदा अधूरी है।
कितना दूँ विस्तार बता।
क्या होता है प्यार बता।।

 

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