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ई-पुस्तकें >> मेरे गीत समर्पित उसको

मेरे गीत समर्पित उसको

कमलेश द्विवेदी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :295
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9589
आईएसबीएन :9781613015940

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कानपुर का गीत विधा से चोली-दामन का रिश्ता है। यहाँ का कवि चाहे किसी रस में लिखे

63. और किसी से प्यार न करना

 

यह है मेरा नम्र निवेदन प्रियतम तुम इनकार न करना।
जितना प्यार किया है मुझसे और किसी से प्यार न करना।।

प्यार अपार तुम्हारे दिल में
वैसे तो मैंने यह माना।
लेकिन सबको नहीं बाँटना
दिल का यह अनमोल ख़ज़ाना।
मुझे समझना लक्ष्मण-रेखा, इस रेखा को पार न करना।
जितना प्यार किया है मुझसे और किसी से प्यार न करना।।

तुम हँसमुख हो मिलनसार हो
इसीलिए सबको भाते हो।
वो ख़ुश होता जिसके सँग तुम
दो पल हँसते-मुस्काते हो।
लेकिन कोई प्यार समझ ले तुम ऐसा व्यवहार न करना।
जितना प्यार किया है मुझसे और किसी से प्यार न करना।।

यों मालिक हो अपने दिल के
उसको चाहे जहाँ लगा लो।
अपने दिल के सिंहासन पर
जिसको चाहो उसे बिठा लो।
मगर कभी मेरे जीते जी तुम उसको स्वीकार न करना।
जितना प्यार किया है मुझसे और किसी से प्यार न करना।।

 

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