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ई-पुस्तकें >> मेरे गीत समर्पित उसको

मेरे गीत समर्पित उसको

कमलेश द्विवेदी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :295
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9589
आईएसबीएन :9781613015940

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कानपुर का गीत विधा से चोली-दामन का रिश्ता है। यहाँ का कवि चाहे किसी रस में लिखे

64. तुम मेरे सपनों में आते

 

तुम मेरे सपनों में आते सच-सच तुम्हें बताता हूँ।
कभी तुम्हारे सपनों में क्या बोलो मैं भी आता हूँ?

कितनी-कितनी ख़ुशियों वाली
मेरी वे सब रातें होतीं।
जिन रातों में घंटों-घंटों
तुमसे दिल की बातें होतीं।
सपनों में वो भी कह देता जिसे न यों कह पाता हूँ।
तुम मेरे सपनों में आते सच-सच तुम्हें बताता हूँ।।

सिर्फ़ रात ही नहीं मुझे वो
दिन भी बहुत सुहाना लगता।
क्या बतलाऊँ कितना अच्छा
मुझे तुम्हारा आना लगता।
अगर हक़ीक़त में न मिल सकूँ सपनों में मिल जाता हूँ।
तुम मेरे सपनों में आते सच-सच तुम्हें बताता हूँ।।

सोचो क्या जो सपने आते-
वे बस ऐसे ही आते हैं।
जीवन की कोई सच्चाई
भी वे हमको दिखलाते हैं।
सपनों में भी सच्चाई से रखता गहरा नाता हूँ।
तुम मेरे सपनों में आते सच-सच तुम्हें बताता हूँ।।

 

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