ई-पुस्तकें >> मेरे गीत समर्पित उसको मेरे गीत समर्पित उसकोकमलेश द्विवेदी
|
7 पाठकों को प्रिय 386 पाठक हैं |
कानपुर का गीत विधा से चोली-दामन का रिश्ता है। यहाँ का कवि चाहे किसी रस में लिखे
112. अब न कभी भी प्यार करेंगे
कोई भी इज़हार करे पर हम न कभी इकरार करेंगे।
सच कहते हैं जीवन में अब हम न कभी भी प्यार करेंगे।।
पहले तो वे भोले बनकर
दिल में जगह बना लेते हैं।
जनम-जनम तक साथ निभाने
वाली क़समें खा लेते हैं।
ऐसा लगता है जैसे वे सब सपने साकार करेंगे।
सच कहते हैं जीवन में अब हम न कभी भी प्यार करेंगे।।
तब तक बहुत देर हो जाती
जब तक हमें समझ में आता।
आसमान का पंछी तब तक
आकर पिंजरे में फँस जाता।
अब न रहेंगे पिंजरे में हम फिर से गगन-विहार करेंगे।
सच कहते हैं जीवन में अब हम न कभी भी प्यार करेंगे।।
कभी सुना था प्यार दिलों के
गुलशन को महका देता है।
लेकिन यह तो अच्छे-ख़ासे
को बीमार बना देता है।
बीमारी से दूर रहेंगे, क्यों कोई उपचार करेंगे।
सच कहते हैं जीवन में अब हम न कभी भी प्यार करेंगे।।
सच कहते हैं जीवन में अब हम न कभी भी प्यार करेंगे।।
पहले तो वे भोले बनकर
दिल में जगह बना लेते हैं।
जनम-जनम तक साथ निभाने
वाली क़समें खा लेते हैं।
ऐसा लगता है जैसे वे सब सपने साकार करेंगे।
सच कहते हैं जीवन में अब हम न कभी भी प्यार करेंगे।।
तब तक बहुत देर हो जाती
जब तक हमें समझ में आता।
आसमान का पंछी तब तक
आकर पिंजरे में फँस जाता।
अब न रहेंगे पिंजरे में हम फिर से गगन-विहार करेंगे।
सच कहते हैं जीवन में अब हम न कभी भी प्यार करेंगे।।
कभी सुना था प्यार दिलों के
गुलशन को महका देता है।
लेकिन यह तो अच्छे-ख़ासे
को बीमार बना देता है।
बीमारी से दूर रहेंगे, क्यों कोई उपचार करेंगे।
सच कहते हैं जीवन में अब हम न कभी भी प्यार करेंगे।।
¤ ¤
|
लोगों की राय
No reviews for this book