ई-पुस्तकें >> मेरे गीत समर्पित उसको मेरे गीत समर्पित उसकोकमलेश द्विवेदी
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कानपुर का गीत विधा से चोली-दामन का रिश्ता है। यहाँ का कवि चाहे किसी रस में लिखे
50. केवल वही सगा होता है
जिसके साथ बाँट सकते हम अपने ग़म अपनी खुशियों को।
सच पूछो तो इस दुनिया में केवल वही सगा होता है।।
जीवन की राहों में सीधा
चलना है तो मुड़ना भी है।
अगर किसी से मिलना है तो
आगे कभी बिछुड़ना भी है।
जिसके साथ जोड़ सकते हम भावुकता वाली कड़ियों को।
सच पूछो तो इस दुनिया में केवल वही सगा होता है।।
कोई जीवन भर सँग रहकर
पल भर सहज नहीं रह पाता।
कोई पल भर साथ निभाकर
पूरा जन्म सहज कर जाता।
जिसके साथ बाँध सकते हम सदा सहजता की लड़ियों को।
सच पूछो तो इस दुनिया में केवल वही सगा होता है।।
अगर कभी सुख का पल आता
तो दुख का भी पल आता है।
कोई ऐसा मिल जाता जो
सब दुख-दर्द मिटा जाता है।
जिसके साथ काट सकते हम यों दुख-दर्द भरी घड़ियों को।
सच पूछो तो इस दुनिया में केवल वही सगा होता है।।
सच पूछो तो इस दुनिया में केवल वही सगा होता है।।
जीवन की राहों में सीधा
चलना है तो मुड़ना भी है।
अगर किसी से मिलना है तो
आगे कभी बिछुड़ना भी है।
जिसके साथ जोड़ सकते हम भावुकता वाली कड़ियों को।
सच पूछो तो इस दुनिया में केवल वही सगा होता है।।
कोई जीवन भर सँग रहकर
पल भर सहज नहीं रह पाता।
कोई पल भर साथ निभाकर
पूरा जन्म सहज कर जाता।
जिसके साथ बाँध सकते हम सदा सहजता की लड़ियों को।
सच पूछो तो इस दुनिया में केवल वही सगा होता है।।
अगर कभी सुख का पल आता
तो दुख का भी पल आता है।
कोई ऐसा मिल जाता जो
सब दुख-दर्द मिटा जाता है।
जिसके साथ काट सकते हम यों दुख-दर्द भरी घड़ियों को।
सच पूछो तो इस दुनिया में केवल वही सगा होता है।।
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