बाल एवं युवा साहित्य >> आओ बच्चो सुनो कहानी आओ बच्चो सुनो कहानीराजेश मेहरा
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किताबों में तो बच्चो की सपनों की दुनिया होती है।
किताबें हमारी सबसे अच्छी दोस्त होती हैं और हिंदी किताबें तो आज के ज़माने में एक वरदान हैं। किताबों में तो बच्चो की सपनों की दुनिया होती है।
मेरी ये बाल कहानियाँ इन बच्चों को एक बार फिर से सपनों की दुनियाँ में ले जाने का प्रयास है। बच्चों पर सबसे ज्यादा असर उनके द्वारा पढ़े जाने वाली किताबों का होता है। बच्चे एक तरह से किताबों के किरदार को जीते हैं और यहीं से मेरा एक प्रयास शुरू होता है। मैं अपनी कहानियों के द्वारा बच्चों में खत्म होते संस्कारों और अच्छी आदतों को फिर से उनमें लाने का प्रयास कर रहा हूँ। मेरा विश्वास है कि आज के इन्टरनेट और स्मार्टफोन के जमाने में केवल अच्छी और शिक्षाप्रद कहानियाँ ही बच्चों को उनके अन्दर के मासूम और कोमलहृदय रूपी बालक को जगा सकती हैं। यदि अपनी इन कहानियों से एक भी बच्चे को अच्छे संस्कार और आदत दे पाया तो मैं अपना ये प्रयास सफल मानूंगा।
- राजेश मेहरा
आओ बच्चो, सुनो कहानी
(21 बाल कहानियाँ)
कथा-क्रम
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