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बाल एवं युवा साहित्य >> आओ बच्चो सुनो कहानी

आओ बच्चो सुनो कहानी

राजेश मेहरा

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2017
पृष्ठ :103
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 10165
आईएसबीएन :9781613016268

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किताबों में तो बच्चो की सपनों की दुनिया होती है।

पिकनिक


राजू की टीचर ने सुबह ही बता दिया था कि हम सब लोग कल पिकनिक पर जायेंगे इसलिए सब लोग आज शाम को ही अपनी तैयारी पूरी कर लें और सुबह सात बजे ही स्कूल पहुँच जायें। उसके बाद हम सब लोग यहाँ से बस में बैठकर पिकनिक स्पॉट पर चलेंगे।

राजू बड़ा खुश था वह स्कूल से जल्दी से घर पहुंचा और माँ को पिकनिक के बारे में बताया तथा उसका सामान पैक करने को कहा और राजू अपना कैमरा, म्यूजिक के लिए अपना सिस्टम रखने लगा। वह माँ को बोला, "माँ मुझे जल्दी उठा देना।"

माँ उसकी बेताबी देख रही थी। वह बोली, "राजू, तुम पिकनिक तो जा रहे हो लेकिन वहाँ सावधानी से रहना और अपने दोस्तों के साथ ही रहना, उनका साथ बिलकुल भी मत छोड़ना और अपने टीचर की बातों पर ध्यान रखना और जैसा वो कहें वैसा करना, शरारत बिलकुल मत करना।"

राजू बोला, "में सब बातों का ध्यान रखूंगा आप चिंता ना करें।"

राजू सुबह अपने दोस्त बीरू के साथ स्कूल पहुँचा। वे दोनों बड़े खुश थे कि पिकनिक पर बहुत मजा आने वाला है। स्कूल के सारे बच्चे बस में बैठ गए और बस पिकनिक स्पॉट की तरफ चल दी। रास्ते में टीचर ने सभी बच्चो को निर्देश दिए कि सब लोग एक साथ रहेंगे, नदी के पानी में कोई नहीं नहायेगा। सब लोग ग्रुप में रहेंगे और अपने-अपने साथियों का ध्यान रखेंगे, सारे बच्चे नियमों का पालन करेंगे और ज्यादा मस्ती नहीं करेंगे। सब बच्चो ने हाँ में हाँ मिलाई और वैसा ही करने को कहा। पिकनिक स्पॉट पर पहुँच कर सब बच्चे बस से उतर कर अपने अपने ग्रुप में बंट गए।

राजू के साथ बीरू भी था थोड़ी देर तक टीचर उन सबको अन्ताक्षरी खिलाती रही और उसके बाद सब बच्चों को कहा कि वो लोग आस-पास के इलाके में घूम सकते हैं लेकिन पिकनिक स्पॉट से ज्यादा दूर ना जाएँ।

राजू और बीरू भी अपने दो दोस्तों के साथ घने पेड़ों की तरफ चल दिए। उनको वहाँ की सुन्दरता बहुत भा रही थी और वो लोग चिड़ियों की आवाजें सुनकर बहुत प्रसन्न हो रहे थे। राजू कह रहा था, "ये सकून शहरों में कहाँ मिलता है।"

राजू ने अपना कैमरा निकाला और उन खूबसूरत नजारों की फोटो लेने लगा। राजू और उसके दोस्त पेड़ों के बीच से चलते-चलते काफी दूर आ गए थे तो राजू ने कहा, "अब हमें वापिस चलना चाहिए।" लेकिन बीरू बोला, "क्या राजू, इतना अच्छा जंगल है आओ थोड़ा और आगे चलते हैं।"

राजू बोला, "बीरू आगे अब घना जंगल है हो सकता है कि जंगली जानवर भी हों।"

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