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बाल एवं युवा साहित्य >> आओ बच्चो सुनो कहानी

आओ बच्चो सुनो कहानी

राजेश मेहरा

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2017
पृष्ठ :103
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 10165
आईएसबीएन :9781613016268

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किताबों में तो बच्चो की सपनों की दुनिया होती है।

कसरत के फायदे


राजू सन्डे होने के कारण देर से सोकर उठा तो उसकी माँ ने कहा, "राजू बेटा लेट उठना गलत बात है। शरीर पर इसका विपरीत असर पड़ता है देखो तो तुम्हारा शरीर भी मोटा होता जा रहा जो कि इस उम्र में ठीक नहीं है। इस उम्र में तो शरीर तंदुरुस्त व फुर्तीला होना चाहिए इसलिए अब कल से रोज तुम जल्दी उठोगे और कसरत व योगाभ्यास करोगे।"

राजू बोला, "माँ इस ठण्ड में कहाँ जल्दी उठा जाता है। कितनी ठण्ड पड़ी है और वैसे भी आज तो सन्डे है आज कौन सा स्कूल जाना है।"

इस पर उसके पापा अपने कमरे से निकलते हुए बोले, "राजू ये सन्डे और किसी दिन की बात नहीं है हमें रोज कसरत व योग करना चाहिए। इससे शरीर तो स्वस्थ रहता ही है और साथ में हम बीमारियों से भी बचते हैं और योग की वजह से हमारा ध्यान पढ़ाई पर केन्द्रित भी होता है।"

राजू कुछ नहीं बोला और अपने पापा और माँ की बात को अनसुना कर के फ्रेश होने के लिए चला गया। उसके माँ और पापा भी समझ गए कि राजू ने उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया था। राजू के पापा ने राजू को कसरत और योग के प्रति आकर्षित करने के बारे में सोचा।

राजू के पापा राजू को लेकर मैदान की तरफ चल दिए। वहाँ पर देखा के राजू के कुछ दोस्त क्रिकेट खेल रहे थे। राजू के पापा ने राजू को भी अपने दोस्तों के साथ जाकर क्रिकेट खेलने को कहा। राजू ख़ुशी-ख़ुशी उनके साथ खेलने चल दिया। राजू के पापा ने राजू के साथ बल्लेबाजी करने वाले बीरू के कान में कुछ कहा और उसके बाद बीरू और राजू बैटिंग करने मैदान में उतरे। बीरू लगातार भाग-भाग कर रन ले रहा था। बीरू रोज कसरत व योग करता था इसलिए उसको भागने में कोई परेशानी नहीं हो रही थी लेकिन राजू का भागते-भागते बुरा हाल था, वह अब बुरी तरह हांफ रहा था। यही राजू के पापा चाहते थे। थोड़ी देर में राजू रन न ले पाने की वजह से रन आउट हो गया। वह हांफता हुआ मैदान से आया तो उसके पापा ने कहा, "देखा कसरत और योग न करने का नतीजा। वो देखो बीरू अभी भी कितनी फुर्ती से दौड़ रहा है और तुम रन आउट हो कर वापिस आ गए।"

लेकिन राजू अभी भी नहीं समझ रहा था उल्टा वो बोला, "पापा, वो तो बीरू रोज खेलता है ना इसलिए उसे कुछ नहीं हो रहा।"

उसके पापा चुप रहे वो राजू को अभी कुछ नहीं कहना चाहते थे। वो वापिस अपने घर को चल दिए तो उसके पापा ने कहा, "राजू आओ बस में चलते हैं।" तो राजू बड़ा खुश हुआ कि उसे पैदल नहीं चलना पड़ेगा।

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