बाल एवं युवा साहित्य >> आओ बच्चो सुनो कहानी आओ बच्चो सुनो कहानीराजेश मेहरा
|
0 |
किताबों में तो बच्चो की सपनों की दुनिया होती है।
सच्चाई का सच
आज टीचर सब बच्चों का होमवर्क चेक करने वाले हैं और इसी बात पर राजू की बैचेनी बढ़ रही थी।
राजू ने जैसे ही क्लास में एंट्री की तो उसने देखा कि उसका वातावरण बहुत ही गंभीर था क्योंकि इस पीरियड का टीचर बहुत सख्त था। वो पढ़ाने में तो सख्त था ही साथ में यदि कोई स्टूडेंट उसका होमवर्क नहीं करके लाता था तो वो उसको कड़ी सजा देता था।
राजू वैसे तो पढ़ाई में ठीक है लेकिन पिछले हफ्ते उसके चाचाजी की लड़की शादी थी इस कारण वो अपना होमवर्क नहीं कर पाया था। उसने मन ही मन सोचा आज तो ये टीचर मुझे नहीं छोड़ेगा।
कुछ देर में टीचर ने क्लास में कदम रखा तो सब लोग खामोश हो गए। टीचर ने अटेंडेंस ली और फिर वो एक-एक करके सबका होमवर्क चेक करने लगा।
राजू अब और भी ज्यादा नर्वस हो गया था। राजू कभी भी अपने होमवर्क के बारे मैं झूठ नहीं बोलता था लेकिन आज उसकी समझ में कुछ नहीं आ रहा था उसका मन कर रहा था कि आज वो कुछ झूठ बोल दे। इतने में उसका नंबर आ गया।
टीचर ने उससे होमवर्क की कॉपी मांगी तो राजू ने सही सही बता दिया लेकिन टीचर ने उसकी कोई बात नहीं सुनी और उसकी पिटाई करते हुए बोला कि ऐसे बहाने उसने बहुत सुने हैं।
राजू पिटाई से दुखी नहीं था बल्कि उसने जो सच बोला उसके बाद भी टीचर ने उसकी बात नहीं मानी वो उससे दुखी था।
राजू ने सोचा कि जब सच्चाई पर भी उसकी पिटाई हुई है तो आगे से वो झूठ ही बोलेगा जिससे कि वो पिटाई से बच सके।
अब जब भी कोई काम होता तो राजू झूठ बोल देता था और वो टीचर की पिटाई से बच जाता था। इस कारण अब वो पढ़ाई के प्रति लापरवाह हो गया था क्योंकि उसे पता था कि वो झूठ बोल कर बच जाएगा।
राजू के पापा उसको बहुत दिनों से देख रहे थे कि राजू पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रहा था और थोड़ा लापरवाह भी हो गया था। उसके पापा ने जब पूछा तो उसने सब सच बता दिया। अब राजू के पापा भी परेशान हो गये। उन्हें पता था कि राजू जो कर रहा था वो गलत था लेकिन उसके टीचर ने जो किया था वो भीं गलत था।
|