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बाल एवं युवा साहित्य >> आओ बच्चो सुनो कहानी

आओ बच्चो सुनो कहानी

राजेश मेहरा

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2017
पृष्ठ :103
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 10165
आईएसबीएन :9781613016268

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किताबों में तो बच्चो की सपनों की दुनिया होती है।

कर्मों की सजा


मोहल्ले में जोर-जोर से रोने की आवाज आ रही थी। राजू आवाज सुनकर उठ गया और बाहर जाकर देखा कि पड़ोस में रहने वाले सुनील अंकल के यहाँ से रोने कि आवाजें आ रही थीं। राजू कुछ समझ नहीं पा रहा था कि क्या हुआ है? उसने देखा कि उसकी माँ और पापा सुनील अंकल के घर से निकल कर आ रहे थे। राजू ने पूछा, "क्या हुआ माँ, ये रोने कि आवाजें क्यों आ रही हैं?"

उसकी माँ बोली, "राजू, सुनील जी हैं ना, उनका बेटा जो बहुत शराब पीता था, उसकी कल रात को जहरीली शराब पीने की वजह से मौत हो गई। उसकी माँ कहे जा रही थी- ना जाने कब ये जहरीली शराब बिकनी बंद होगी और कब ये आज की पीढ़ी शराब पीना बंद करेगी।"

राजू की कुछ समझ में नहीं आ रहा था। फिर उसने अपने पापा से पूछा, "पापा, ये जहरीली शराब क्या होती है?" तो वो बोले, "राजू जो शराब गैरकानूनी तरीके से बनती है और गैरकानूनी तरीके से ही बिकती है और उस पर सरकार कुछ नहीं कर पाती। ऐसी ही शराब कुछ लोग बेचते हैं जिसके अन्दर मिलावट होती है और उसको कोई पीता है तो वो मर भी सकता है।"

राजू को सारी बातें समझ में आ रही थीं। वो बोला, "पापा यदि वो जहरीली होती है तो लोग उसे पीते क्यों हैं।"

उसके पापा बोले, "बेटे, जब लोगों को वो सस्ते दामों में और घर के पास ही मिलेगी तो लोग तो उसे पियेंगे ही।"

राजू बोला, "लेकिन सुनील अंकल का बेटा कहाँ से लाता था ऐसी शराब?"

उसके पापा फिर बोले, "बेटे अभी तुम्हारी उम्र इतनी नहीं है कि तुम सब ये जानो। जाओ, स्कूल जाने के लिए तैयार हो जाओ।"

राजू समझ गया था कि पापा अब उसे कुछ नहीं बताएँगे। वह जल्दी से स्कूल के लिए तैयार हुआ और अपने दोस्त बीरू के साथ स्कूल की तरफ चल दिया। रास्ते में उसने बीरू से सुनील अंकल के बेटे की मौत के बारे में पूछा तो बीरू बोला, "ये सब उस डागर की गलती से हुआ है।"

राजू ने पूछा, "मैं समझा नहीं?"

इस पर बीरू बोला कि हमारे पड़ोस के मोहल्ले में एक डागर नाम का व्यक्ति रहता है वही गैरकानूनी शराब बेचता है। राजू को अभी भी पता नहीं चला तो बीरू फिर बोला, "अरे वही अपनी क्लास में पढ़ने वाले संजू का पापा।"

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