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कबीरदास की साखियां

वियोगी हरि

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :91
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9699
आईएसबीएन :9781613013458

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जीवन के कठिन-से-कठिन रहस्यों को उन्होंने बहुत ही सरल-सुबोध शब्दों में खोलकर रख दिया। उनकी साखियों को आज भी पढ़ते हैं तो ऐसा लगता है, मानो कबीर हमारे बीच मौजूद हैं।

हमारे देश के भक्त-कवियों में कबीर साहब का स्थान बहुत ऊंचा है। सादगी का जीवन बिताते हुए उन्होंने अध्यात्म की ऐसी धारा बहाई कि आज भी जो उसमें डुबकी लगाता है, वह बड़ी शीतलता अनुभव करता है। जीवन के कठिन-से-कठिन रहस्यों को उन्होंने बहुत ही सरल-सुबोध शब्दों में खोलकर रख दिया। उनकी साखियों को आज भी पढ़ते हैं तो ऐसा लगता है, मानो कबीर हमारे बीच मौजूद हैं। हमारी इस स्वाध्याय-पुस्तक-माला में अब तक आठ पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इन सब पुस्तकों में मूल पद्यों के साथ उनका सरल अर्थ भी दिया गया है। पद्यों का चुनाव और टीका हिन्दी के विख्यात लेखक और संत-साहित्य के मर्मज्ञ श्री वियोगी हरिजी ने की है। गद्य-गीत की शैली में अर्थ होने से पुस्तक का मूल्य और भी बढ़ गया है।

कबीरदास की साखियां

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