ई-पुस्तकें
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कबीरदास की साखियांवियोगी हरि
मूल्य: Rs. 180
जीवन के कठिन-से-कठिन रहस्यों को उन्होंने बहुत ही सरल-सुबोध शब्दों में खोलकर रख दिया। उनकी साखियों को आज भी पढ़ते हैं तो ऐसा लगता है, मानो कबीर हमारे बीच मौजूद हैं। आगे... |
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कामायनीजयशंकर प्रसाद
मूल्य: Rs. 240
जयशंकर प्रसाद की सर्वश्रेष्ठ रचना आगे... |
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खजाने का रहस्यकन्हैयालाल
मूल्य: Rs. 60
भारत के विभिन्न ध्वंसावशेषों, पहाड़ों व टीलों के गर्भ में अनेकों रहस्यमय खजाने दबे-छिपे पड़े हैं। इसी प्रकार के खजानों के रहस्य आगे... |
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कुसम कुमारीदेवकीनन्दन खत्री
मूल्य: Rs. 300
रहस्य और रोमांच से भरपूर कहानी आगे... |
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मंगलवार व्रत कथागोपाल शुक्ल
मूल्य: Rs. 20
मंगलवार व्रत की विधि, कथा एवं आरती आगे... |
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नदी के द्वीपसच्चिदानंद हीरानन्द वात्स्यायन अज्ञेय
मूल्य: Rs. 300
व्यक्ति अपने सामाजिक संस्कारों का पुंज भी है, प्रतिबिम्ब भी, पुतला भी; इसी तरह वह अपनी जैविक परम्पराओं का भी प्रतिबिम्ब और पुतला है-'जैविक' सामाजिक के विरोध में नहीं, उससे अधिक पुराने और व्यापक और लम्बे संस्कारों को ध्यान में रखते हुए। आगे... |
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नीलकण्ठगुलशन नन्दा
मूल्य: Rs. 300
गुलशन नन्दा का एक और रोमांटिक उपन्यास आगे... |
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परिणीताशरत चन्द्र चट्टोपाध्याय
मूल्य: Rs. 300
‘परिणीता’ एक अनूठी प्रणय कहानी है, जिसमें दहेज प्रथा की भयावहता का चित्रण किया गया है। आगे... |
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परसाई के राजनीतिक व्यंग्यहरिशंकर परसाई
मूल्य: Rs. 300
राजनीतिक विषयों पर केंद्रित निबंध कभी-कभी तत्कालीन घटनाक्रम को ध्यान में रखते हुए अपने पाठ की माँग करते हैं लेकिन यदि ऐसा कर पाना संभव न हो तो भी परसाई की मर्मभेदी दृष्टि उनका वॉल्तेयरीय चुटीलापन इन्हें पढ़ा ले जाने का खुद में ही पर्याप्त कारण है। आगे... |
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पथ के दावेदारशरत चन्द्र चट्टोपाध्याय
मूल्य: Rs. 300
हम सब राही हैं। मनुष्यत्व के मार्ग से मनुष्य के चलने के सभी प्रकार के दावे स्वीकार करके, हम सभी बाधाओं को ठेलकर चलेंगे। हमारे बाद जो लोग आएंगे, वह बाधाओं से बचकर चल सकें, यही हमारी प्रतिज्ञा है। आगे... |
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हनुमान बाहुकगोस्वामी तुलसीदास
मूल्य: Rs. 30
सभी कष्टों की पीड़ा से निवारण का मूल मंत्र आगे... |
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हौसलामधुकांत
मूल्य: Rs. 180
नि:शक्त जीवन पर 51 लघुकथाएं आगे... |
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क्या धर्म क्या अधर्मश्रीराम शर्मा आचार्य
मूल्य: Rs. 180
धर्म और अधर्म का प्रश्न बड़ा पेचीदा है। जिस बात को एक समुदाय धर्म मानता है, दूसरा समुदाय उसे अधर्म घोषित करता है। आगे... |