उपयोगी हिंदी व्याकरण
A PHP Error was encounteredSeverity: Notice Message: Undefined index: author_hindi Filename: views/read_books.php Line Number: 21 |
निःशुल्क ई-पुस्तकें >> उपयोगी हिंदी व्याकरण |
|
हिंदी के व्याकरण को अघिक गहराई तक समझने के लिए उपयोगी पुस्तक
वाच्य और प्रयोग में अंतर
वाच्य और प्रयोग भिन्न-भिन्न व्याकरणिक संकल्पनाएँ है।
प्रयोग का आधार रूप रचना है अर्थात् इस रूप में जो लिंग – वचन आदि
आए हैं, उनका अनुसरण करना है। रूप रचना पर गौर करते ही प्रयोग
का निर्धारण हो जाता है, किंतु वाच्य का आधार वक्ता द्वारा
दी प्रधानता है, जो अर्थ परक है। ये दोनों एक ही संकल्पना नहीं है, इसका
प्रमाण यह भी है कि कर्मणि प्रयोग में कर्तृवाच्य (राम ने रोटी खाई) भी आ
सकता है और कर्मवाच्य भी (राम से रोटी खाई नहीं गई) भावे प्रयोग में भी इसी
प्रकार कर्तृवाच्य (जैसे, जब राधा ने उन गिरते हुए बच्चों को देखा) और
भाववाच्य, सीते से अब चला नहीं जाता, मिलते हैं।
अतः वाच्य और प्रयोग भिन्न-भिन्न व्याकरणिक संकल्पनाएँ है।
To give your reviews on this book, Please Login