नई पुस्तकें >> प्रेमी का उपहार प्रेमी का उपहाररबीन्द्रनाथ टैगोर
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रवीन्द्रनाथ ठाकुर के गद्य-गीतों के संग्रह ‘लवर्स गिफ्ट’ का सरस हिन्दी भावानुवाद
एक दिन तुम्हें मुझे जानना ही होगा। क्योंकि बिना जाने तुम नहीं रह सकते
मेरे प्रेमी! मुझे पूर्ण विश्वास है किसी न किसी दिन तुम अवश्य ही मेरे हृदय पर विजय पा लोगे।
मुझे विश्वास है...एक दिन तुम मेरे गहनतम स्वप्नों की थाह को भी अवश्य जान लोगे।
चन्द्र-ज्योत्स्ना के आँचल में लपेट कर जब अपने रहस्यमय सन्देशों को तुम मेरे पास भेजते हो तब मैं न जाने क्या सोचने लगता हूँ और फिर न जाने क्यों मेरी आँखें आँसुओं से डबडबा जाती हैं।
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