लोगों की राय

नई पुस्तकें >> प्रेमी का उपहार

प्रेमी का उपहार

रबीन्द्रनाथ टैगोर

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2014
पृष्ठ :159
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9839
आईएसबीएन :9781613011799

Like this Hindi book 0

रवीन्द्रनाथ ठाकुर के गद्य-गीतों के संग्रह ‘लवर्स गिफ्ट’ का सरस हिन्दी भावानुवाद

क्या ऐसा कर भी सकोगे जो मैं तुमसे कह रहा हूँ

ग्रीष्म के उन बादलों के समान मेरे समीप आओ जो आकाश के हृदय...पटल पर अपनी बौछारें बिखेरता चला जाता है।

अपनी उत्कृष्ट छायाओं से इन पहाडियों के वर्ण को और अधिक गहरा कर दो, शीघ्र ही उजड़े हुए वनों को पुष्पों में परिवर्तित कर दो और इन पहाड़ियों की पहाड़ी जल धाराओं में भी किसी अनन्त की खोज से प्रेरित चेतना उत्पन्न कर दो।

ग्रीष्म के बादलों के समान मेरे समीप आओ और किसी तिरोहित जीवन की आशा...तथा पृथ्वी...प्रफुल्लन जनित हृदयोल्लास से मेरी हृदय...कलिका को रोमांचित कर दो।

* * *

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book