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मुल्ला नसीरुद्दीन के कारनामे

विवेक सिंह

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :56
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9837
आईएसबीएन :9781613012734

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हास्य विनोद तथा मनोरंजन से भरपूर मुल्ला नसीरुद्दीन के रोचक कारनामे

13. मोमबत्ती की गर्मी


कहा जाता है कि मुल्ला नसीरूद्दीन के शहर के पास एक पहाड़ था। उस पर बर्फ जमी रहती थी। एक बार उन्होंने अपने मित्रों से शर्त लगाई कि वह दिसम्बर-जनवरी की कड़कड़ाती सर्दी में उस पहाड़ की चोटी पर रात बिता सकते हैं। शर्त के अनुसार एक रात को मुल्ला एक मोमबत्ती और किताब लेकर पहाड़ पर चढ़ गये और सारी रात वहीं काट दी। अगले दिन सुबह उन्हें अधमरी हालत में नीचे लाया गया। जब उन्हें जरा होश आया, तब उन्होंने शर्त के पैसे माँगे। मित्रों ने कहा- 'आप कोई चीज ऐसी तो ऊपर नहीं ले गये थे, जिससे गर्मी मिल सके।'

मुल्ला ने जवाब दिया- 'नहीं, कुछ नहीं।'

'क्या एक मोमबत्ती भी साथ नहीं ले गये?'

'हाँ, एक मोमबत्ती तो अवश्य ही ले गया था।'

'फिर तो आप शर्त हार गये।'

नसीरुद्दीन उस समय खामोश हो गये। फिर कुछ दिन के बाद उन सबको अपने यहाँ दावत दी। निश्चित समय पर सभी मित्र उनके घर आ पहुँचे। मुल्ला ने सबको बैठक में बिठा दिया और स्वयं घर के अन्दर बैठे रहे।

काफी देर हो गयी, तो मित्रों ने सोचा कि चलें, देखें तो मुल्ला जी किस हाल में हैं।

वहाँ जाकर देखते हैं, तो मुल्ला जी रसोईघर में घुसे हुए हैं। वहाँ पानी की एक देग दो ईंटों पर रखी हुई है और नीचे एक मोमबत्ती जल रही है। परन्तु देग का पानी अब तक गुनगुना भी नहीं हुआ था। मुल्ला ने बड़ी गंभीरता से कहा-'क्या बताऊँ, कल से देग चढ़ा रखी है, पर अब तक इसमें उबाल भी नहीं आया। खाना कैसे पकेगा?'

इस पर मुल्ला के मित्रों को अपनी गलती का अहसास हो गया। उन्होंने अपनी हार स्वीकार कर ली और शर्त के पैसे उन्हें दे दिये।

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