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मुल्ला नसीरुद्दीन के चुटकुले

विवेक सिंह

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :46
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9836
आईएसबीएन :9781613012741

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मुल्ला नसीरूद्दीन न केवल हँसोड़ था, बल्कि वह अच्छा हकीम भी था और सामान्य लोगों के सुख-दुःख में सदा भागीदार भी बनता था, इसलिए वह अत्यन्त लोकप्रिय था।

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मुल्ला बुरी तरह लँगड़ाता हुआ चल रहा था। रास्ते में मिले उसके मित्र ने पूछा-'मुल्ला क्या बात है, क्यों लँगड़ा रहे हो? 'क्या बताऊँ यार! ये कमबख्त जूते तकलीफ दे रहे हैं।' मुल्ला ने उत्तर दिया।

मगर जूते तो तुमने गलत पैरों में पहन रखे हैं।' मुल्ला के पैरों की ओर देखकर दोस्त ने कहा।

'गलत है तो क्या करूँ, पैर तो खुदा की देन है। सही पैर कहाँ से लाऊँ।' मुल्ला ने दार्शनिक भाव से कहा।

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