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मुल्ला नसीरुद्दीन के चुटकुले

विवेक सिंह

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :46
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9836
आईएसबीएन :9781613012741

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मुल्ला नसीरूद्दीन न केवल हँसोड़ था, बल्कि वह अच्छा हकीम भी था और सामान्य लोगों के सुख-दुःख में सदा भागीदार भी बनता था, इसलिए वह अत्यन्त लोकप्रिय था।

25

मुल्ला को मूँग की दाल बहुत अधिक रुचिकर थी। एक दिन उसके एक दोस्त ने उसके लिए मूँग की दाल बनवाई।

दाल में नमक अधिक पड़ गया था, यह बात दोस्त को मालूम थी किन्तु मुल्ला ने इस सम्बन्ध में कुछ नहीं कहा। निदान दोस्त ने ही पूछा- मुल्ला, दाल में कुछ नमक तो ज्यादा नहीं है?

'नहीं, नमक तो बिल्कुल सही है। हाँ, नमक के हिसाब से दाल कुछ कम जरूर है। मुस्कुराकर मुल्ला ने कहा।

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