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मुल्ला नसीरुद्दीन के चुटकुले

विवेक सिंह

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :46
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9836
आईएसबीएन :9781613012741

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मुल्ला नसीरूद्दीन न केवल हँसोड़ था, बल्कि वह अच्छा हकीम भी था और सामान्य लोगों के सुख-दुःख में सदा भागीदार भी बनता था, इसलिए वह अत्यन्त लोकप्रिय था।

22

मुल्ला नसीरुद्दीन अपने एक मित्र के साथ जुआ खेल रहा था। खेल के दौरान किसी बात पर दोनों में कुछ कहा-सुनी हो गई। यहाँ तक कि मुल्ला के दोस्त ने मुल्ला से कुछ अपशब्द भी कह दिए।

फिर क्या था! मुल्ला भी क्रोध में भरकर अपने मित्र से बोला-'क्रोध में तू तो आपा ही भूल बैठा। अपने कहे हुए अपशब्द फौरन वापस ले-पाँच मिनट के अन्दर-अन्दर!'

दोस्त का गुस्सा अभी ठण्डा नहीं हुआ था। वह मुल्ला की इस बात से भी नम्र नहीं हुआ और पूर्ववत् क्रोधित मुद्रा में ही चीखा-'और यदि मैं पाँच मिनट मैं अपने शब्द वापस न लूँ तो...' 'तो मैं समय बढ़ा सकता हूँ। तुम बताओ, तुम्हें कितना समय चाहिए?' हँसकर मुल्ला ने कहा।

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