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मूछोंवाली
मूछोंवाली
प्रकाशक :
भारतीय साहित्य संग्रह |
प्रकाशित वर्ष : 2016 |
पृष्ठ :149
मुखपृष्ठ :
ई-पुस्तक
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पुस्तक क्रमांक : 9835
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आईएसबीएन :9781613016039 |
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‘मूंछोंवाली’ में वर्तमान से तीन दशक पूर्व तथा दो दशक बाद के 50 वर्ष के कालखण्ड में महिलाओं में होने वाले परिवर्तन को प्रतिबिंबित करती हैं ये लघुकथाएं।
13
चेन
अफसर ने काम पूरा न होने के कारण बाबू को अपने केबिन में बुलाकर बुरी तरह डांटा-फटकारा था।
बाबू का मूड सारे दिन ऑफ रहा। लंच के समय घर पहुंचते ही उसने खाने को लेकर नौकर को आड़े हाथ लिया।
नौकर आज समय से पहले ही वहां से चला गया था। घर के बाहर उसके पांव लड़खड़ाने लगे। अन्दर घुसते ही उसने बीवी को डण्डे से पीटा।
पत्नी भी किसी पर हल्का होना चाहती थी, लेकिन उसने उन्हें अपने पेट से पैदा किया था।
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