आचार्य श्रीराम शर्मा >> हारिए न हिम्मत हारिए न हिम्मतश्रीराम शर्मा आचार्य
|
0 |
प्रस्तुत पुस्तक में आचार्य श्रीराम शर्मा जी ने लोगों को जीवन की कठिन परिस्थितियों में किस प्रकार के आचार-विचार की आवश्यकता है, इसे एक माह की डायरी के रूप में बताया है।
दिनांक : 29
दूसरों से यह अपेक्षा करना कि सभी हम-से होंगे और हमारे कहे अनुसार चलेंगे। मानसिक तनाव बने रहने का, निरर्थक उलझनों में फँसे रहने का मुख्य कारण है। इससे छुटकारा पाने के लिए यह आवश्यक है कि हम चुपचाप शांतिपूर्वक अपना काम करते चलें और लोगों को अपने हिसाब से चलने दें। किसी व्यक्ति पर हावी होने की कोशिश न करें और न ही हर किसी को खुश रखने के चक्कर में अपने अमूल्य समय और शक्ति का अपव्यय ही करें।
यह सोचना निरर्थक है कि कोई हमारी ही बात माने, उसी के अनुसार चले, हममें ही रुचि ले और हमारी ही सहायता करे।
यह चाहनाएँ गलत भी हैं और हानिकारक भी।
दूसरों पर भावनात्मक रूप से आश्रित न होना श्रेयस्कर है।
|