ई-पुस्तकें >> वापसी वापसीगुलशन नन्दा
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सदाबहार गुलशन नन्दा का रोमांटिक उपन्यास
जान बैठ गया। इतने में बैरा रशीद के लिए लेमन जूस लेकर आ गया। जान ने उसी बैरे को दो बीयर लार्ज का आर्डर दिया और फिर बोला- ''देखो, सामने ब्ल्यू रूम में रुख़साना मेम साहब डांस बनाता है। उनको बोलो, जान साहब इधर बैठा है... 'समझे?''
''समझ गया...सर...।'' बैरे ने गर्दन झुकाकर कहा और चला गया।
रुख़साना का नाम सुनते ही रशीद को फिर शाहबाज़ ड्राइवर की बात याद आ गई-''उसके साथ एक लड़की रहती है, रुख़साना जिससे वह शादी करने वाला है।''
रशीद ने जान मिल्ज़ से घनिष्टता जताते हुए पूछा-''शादी कब कर रहे हैं आप रुख़साना के साथ?''
''बहुत जल्द...पहले शादी बनाने का सोचा तो जंग शुरू हो गया। गोला-बारूद में लव करना अच्छा नहीं लगा। अब 'सीज़-फ़ायर' हुआ है, डिसाइड किया है, जल्दी बना डालें।''
''ओह...आई सी...अच्छा, आपको कैसे पता चला कि मैं यहां हूं?''
''हमको शाहबाज़ बोला। और फिर हैड क्वार्टर से आपका फ़ोटो भी आया।'' जान ने कहा और जेब से रशीद का फ़ोटो निकाल कर मेज़ पर रख दिया।
रशीद ने अपने फ़ोटो पर उचटती-सी दृष्टि डाली और उसे झट जेब में रख लेने का संकेत किया।
जान फ़ोटो को फिर जेब में रखते हुए बोला-''इसी फ़ोटो से हम आपको एकदम पहचान गया।''
''और क्या ख़बर आई है, हैड क्वार्टर से?''
''यही कि आपकी हर तरह की मदद की जाये।''
''मैं खुद हैड क्वार्टर से बात करना चाहता हूं। कहां से बात करना होगा।''
''हमारा सब बंदोबस्त है। कभी भी रात को आठ बजे से दस बजे तक।''
''ओ० के० तो कल रात को एरेंज कर दो।''
रशीद ने अभी बात पूरी भी न की थी कि सामने रुख़साना आती हुई दिखाई दी। वे दोनों बातें करते-करते चुप हो गए। रुख़साना निकट आई तो जान ने उठकर मुस्कराते हुए उसका स्वागत किया। रशीद भी उठ खड़ा हुआ। रुख़साना ने अपना हाथ जान के हाथ में दे दिया और जान ने उसका गाल चूम लिया। फिर जान ने उसका रशीद से कैप्टन रणजीत के रूप में परिचय कराया।
रुख़साना ने बड़े तपाक से रशीद से हाथ मिलाया और उसके गाल पर हल्का-सा चुम्बन देते हुए बोली- ''वैलकम...मेजर...।''
रुख़साना की ज़बान से मेजर का शब्द सुनकर रशीद को आश्चर्य हुआ। उसने पलट कर जान की ओर देखा। जान मुस्कराकर अर्थपूण दृष्टि से रुख़साना को निहारता हुआ बोला-''नथिंग टू वरी मेजर...आवर पार्टनर।''
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