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वापसी

गुलशन नन्दा

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :348
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9730
आईएसबीएन :9781613015575

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सदाबहार गुलशन नन्दा का रोमांटिक उपन्यास

तभी गौरी एक छोटी सी कटोरी में सरसों का तेल लेकर आ गई और कुछ बूंदें रशीद के पैरों के पास टपका कर बोली- ''बस, अब आ जाओ भैया...अंदर।''

''अरी गौरी...तू तो एकदम इतनी लम्बी-चौड़ी हो गई।'' रशीद ने घर के अंदर आते हुए कहा और फिर इधर-उधर देखते हुए बोला-''मां कहां हैं?''

''मन्दिर गई हैं। दोनों समय, देवी माता से आपकी सुरक्षा के लिए प्रार्थना करने जाती हैं...बस आती ही होंगी।'' गौरी ने कहा और जल्दी-जल्दी पलंग का बिस्तर ठीक करती हुई बोली-''बैठो ना भैया!''

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