ई-पुस्तकें >> संभाल कर रखना संभाल कर रखनाराजेन्द्र तिवारी
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मन को छूने वाली ग़ज़लों का संग्रह
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बन्द रख, खोल मत ज़बाँ प्यारे
बन्द रख, खोल मत ज़बाँ प्यारे।
कोई सुनता नहीं यहाँ प्यारे।।
अब कहाँ ज़िन्दगी तलाश करुँ,
ढूंढ आया, कहाँ-कहाँ प्यारे।
इस तरह तय हुआ सफ़र अपना,
हर क़दम जैसे इम्तेहाँ प्यारे।
राह दिखलायेंगे ज़माने को,
छोड़ जा पाँव के निशाँ प्यारे।
नींद आती, न ख्व़ाब आते हैं,
हो गया कौन मेह्रबाँ प्यारे।
छोड़ भी, ये तकल्लुफ़ी बातें,
तू कहाँ और मैं कहाँ प्यारे।
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