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संभाल कर रखना
संभाल कर रखना
प्रकाशक :
भारतीय साहित्य संग्रह |
प्रकाशित वर्ष : 2016 |
पृष्ठ :123
मुखपृष्ठ :
ईपुस्तक
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पुस्तक क्रमांक : 9720
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आईएसबीएन :9781613014448 |
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मन को छूने वाली ग़ज़लों का संग्रह
29
आज के जलते हुए माहौल के मंज़र न दो
आज के जलते हुए माहौल के मंज़र न दो।
फूल जैसे नौनिहालों को अभी पत्थर न दो।।
ये अभी बच्चे हैं अपनी काट लेंगे उंगलियाँ,
इनके हाथों में किताबें दो इन्हें खंजर न दो।
जिनकी आँखों में अभी जलने हैं ख्व़ाबों के चराग़,
उनकी आँखों में अभी से आँधियों का डर न दो।
नर्म काँधों को ज़रा मजबूत होने दो अभी,
बोझ दुनिया का अभी से इनके काँधों पर न दो।
ये न हो दुनिया के जंगल में भटकते ही रहें,
इनको मंज़िल का पता दे दो अगर रहबर न दो।
ये तुम्हीं को देखकर सीखेंगे जीने का हुनर,
तुम विरासत में इन्हें तहज़ीब के खंडहर न दो।
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पुस्तक का नाम
संभाल कर रखना
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