ई-पुस्तकें >> संभाल कर रखना संभाल कर रखनाराजेन्द्र तिवारी
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मन को छूने वाली ग़ज़लों का संग्रह
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बुरा बनाये रहो या भला बनाये रहो
बुरा बनाये रहो या भला बनाये रहो।
हमारे साथ कोई सिलसिला बनाये रहो।।
क़रीब रहने से बढ़ती हैं दूरियाँ अक्सर,
रहो क़रीब मगर फ़ासला बनाये रहो।
जो छूट जायेगी हिम्मत तो डूब जाओगे,
नदी के बीच में हो हौसला बनाये रहो।
हर एक शख़्स का मक़सद अलग-अलग ही सही,
बहुत कठिन है सफ़र का़फ़िला बनाये रहो।
मुकाबले के लिये वक़्त के यज़ीदों से,
शहीद होते रहो कर्बला बनाये रहो।
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