ई-पुस्तकें >> संभाल कर रखना संभाल कर रखनाराजेन्द्र तिवारी
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मन को छूने वाली ग़ज़लों का संग्रह
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हौसला है उमंग है भाई
हौसला है उमंग है भाई।
दिल नहीं हाथ तंग है भाई।।
ये चकाचौंध है जो दौलत की,
एक अंधी सुरंग है भाई।
दिल किसी का है जाँ किसी की है,
ये भी जीने का ढंग है भाई।
हारने का भी है मज़ा जिसमें,
एक ऐसी भी जंग है भाई।
ऐसे फूलों से फ़ायदा क्या है,
जिनमें ख़ुश्बू न रंग है भाई।
वो मेरे साथ साथ क्या चलता,
वो तो दुनिया के संग है भाई।
दुश्मनों से भी प्यार से मिलना,
ये हमारा ही रंग है भाई।
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