ई-पुस्तकें >> परसाई के राजनीतिक व्यंग्य परसाई के राजनीतिक व्यंग्यहरिशंकर परसाई
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राजनीतिक विषयों पर केंद्रित निबंध कभी-कभी तत्कालीन घटनाक्रम को ध्यान में रखते हुए अपने पाठ की माँग करते हैं लेकिन यदि ऐसा कर पाना संभव न हो तो भी परसाई की मर्मभेदी दृष्टि उनका वॉल्तेयरीय चुटीलापन इन्हें पढ़ा ले जाने का खुद में ही पर्याप्त कारण है।
डाक्टर कहता है तुम कितने निर्दयी हो मुझे मेरे बेटे की लाश के पास से उठा लाए। तुम लोग हृदयहीन होते हो। जमींदार कहता है - डाक्टर मेरे दुख पर गौर कीजिए। मेरा सब लुट गया। मैं नहीं जानता था कि मेरी पत्नी बेवफा है और वह दोस्त उसका प्रेमी है। दोनों अपना दुख बड़ा बताना चाहते हैं। चेखव कहते हैं - समय निकलता जाएगा और तय होगा कि किसका दुख बड़ा था।
बहुत साल हो गए मैने मैक्सिम गोर्की की एक कहानी पढ़ी थी - छब्बीस आदमी और एक लड़की। एक छोटा सा रोटी का कारखाना है जिसमें 26 आदमी काम करते हैं। सब गंदे, मरियल, निराश। पर उनके उस उदास जीवन में एक सुख का कारण भी है - मकान मालिक की जवान लड़की। कारखाना नीचे है और मकान मालिक का परिवार ऊपर रहता है। उस लड़की की झलक उन्हें तभी मिलती है जब वह जीने से नीचे उतरती है या ऊपर जाती है। वे सब खुश होकर सीखचों से उसे देखते हैं। बड़े प्यार से। वे छब्बीस और अलग-अलग भी उसे प्यार करते हैं। जब वे उसे इस तरह देखते हैं तो वह कभी-कभी कह देती है - सुअर। एक दिन उन्होंने देखा लड़की के साथ लड़का भी है। जो उसका प्रेमी है। उसे देखकर उससे जलते हैं। उन्हें लगता है कि हमारी प्रेमिका को इस आदमी ने छीन लिया है। जोर से गाली देते हैं आपस में और एक दिन वे सीखचों से देखते हैं कि वह लड़की उस लड़के से शादी करके चली जाती है। वे सब बहुत दुखी होते हैं, रोते हैं, बहुत निराश होते हैं। एक और कहानी मेरे दिमाग में चमक उठती है उसका नाम है- 'वधू नगर में आती है' - एक छोटा सा नगर है उसके पास पहाड़ियाँ हैं। उन पहाड़ियों में एक जंगली आदमी रहता है वह पूरी तरह सभ्य नहीं है पर बहुत ताकतवर है और उसके पास हथियार भी हैं। वह जब-तब बस्ती में आता है और उपद्रव मचाता है। नगर का पुलिस अफसर टाउन मार्शल कहलाता है। कई टाउन मार्शल इस जंगली को नियंत्रित करने की कोशिश में असफल हुए। जो नया मार्शल भेजा गया वह बहुत योग्य माना जाता है। इसने उस जंगली को जिसे लोग राबर्ट कहते थे काफी नियंत्रित किया।
एक दिन मार्शल न्यूयार्क जाता है। वहाँ चार-पाँच दिन रहता है और शादी करके अपनी बीबी के साथ नगर लौटता है। रेलगाड़ी से उतरते ही लोग शिकायत करते हैं कि राबर्ट आया था और उसने बहुत उपद्रव किए। मार्शल अपनी बीबी के साथ धीरे-धीरे नगर में आता है। उधर से जंगली राबर्ट आता है। दोनों का आमना-सामना होता है। राबर्ट कहता है - हैलो-मार्शल आज अपना फैसला हो जाए निकालो अपना रिवाल्वर। मार्शल कहता है - मेरे पास रिवाल्वर नहीं है। राबर्ट कहता है - इस बात पर कौन भरोसा करेगा कि तुम्हारे पास रिवाल्वर नहीं है। तुम्हारे बिस्तर में रिवाल्वर होती है, तुम बाथरूम में रिवाल्वर लेकर जाते हो, निकालो रिवाल्वर, मैं बिना हथियार के आदमी को नहीं मारता।
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