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परसाई के राजनीतिक व्यंग्य

हरिशंकर परसाई

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :296
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9709
आईएसबीएन :9781613014189

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राजनीतिक विषयों पर केंद्रित निबंध कभी-कभी तत्कालीन घटनाक्रम को ध्यान में रखते हुए अपने पाठ की माँग करते हैं लेकिन यदि ऐसा कर पाना संभव न हो तो भी परसाई की मर्मभेदी दृष्टि उनका वॉल्तेयरीय चुटीलापन इन्हें पढ़ा ले जाने का खुद में ही पर्याप्त कारण है।

कैनेडी के समय क्यूबा संकट आया। रूसी प्रधानमंत्री खुश्चेव ने क्यूबा में उसकी रक्षा के लिए मिसाइल लगा दिए। क्यूबा में क्रांति हुई थी और एक कम्युनिस्ट देश था। कैनेडी ने बदले में समुद्र में क्यूबा के चारों तरफ लड़ाकू विमान तैनात कर दिए। इनमें कुछ विमान फोटोग्राफी के लिए भेजे गए थे। ये फोटोग्राफ अमरीका टीवी पर दिखाए जाते और उनमें मिसाइल साफ दिखती थी। अमरीका इन्हें देखता और डर से काँपता बाद में मजाक में खुश्चेव ने कहा कि वे मिसाइल असली नहीं थे टीन के ढाँचे थे। तेरह रात-दिन अमरीकी नागरिक डर के मारे नहीं सोए। डर था विश्वयुद्ध छिड़ जाएगा और रूसी राकेट और मिसाइल अमरीका के शहरों पर गिरेंगे। दोनों तरफ से समझौते की बातें चलने लगीं, मुख्य रूप से राष्ट्रपति का छोटा भाई एटार्नी जनरल राबर्ट कैनेडी बहुत सक्रिय था उसने कहा पहले क्यूबा की घेराबंदी हटाओ और हमेशा के लिए क्यूबा की सुरक्षा का इकरारनामा करो। यह विषयांतर हो गया पर इसका उल्लेख जरूरी था यह अनुमान दिलाने के लिए कि जैकलिन उन दिनों कितनी परेशान होगी। आखिर राबर्ट कैनेडी ने रूसी दूतावास से, जो मास्को जा रहा था कहा कि अपने प्रधानमंत्री को समझाओ कि मेरे भाई की जान खतरे में है, हमारे यहाँ अतिवादी उग्रवादी ताकतें हैं जो सी.आई.ए. में हैं, वे मेरे भाई की हत्या कर देंगे और युद्ध छेड़ देंगे। अंतत: तेरहवें दिन सबेरे मास्को रेडियो से खबर आई कि समझौता हो गया और युद्ध नहीं हुआ। लोग सड़कों पर खुशी के मारे नाचने लगे। गले मिलने लगे।

अब जैकलिन के जीवन का दूसरा भाग शुरू होता है। वह और कैनेडी टैक्सास के दौरे पर थे और एक खुली कार में सड़कों पर धीरे-धीरे जा रहे थे। कहीं से एक गोली चली और कैनेडी मारे गए। कैनेडी की मृत्यु के तुरंत बाद उपराष्ट्रपति जॉनसन ने राष्ट्रपति का कार्य ले लिया। जैकलिन अब व्हाइट हाउस के बाहर थी।

ग्रीस में कई जहाजों के मालिक रेस्टिवोल साक्रेटीज ओनासिस अपनी बेहिसाब दौलत के साथ रहते थे। उसके दो शौक थे पैसा और स्त्री। ओनासिस के मित्रता के संबंध कैनेडी के परिवार से पहले ही थे। कैनेडी परिवार कहने से अधिक ठीक होगा यह कहना कि उसकी मित्रता जैकलिन से थी। जैकलिन बच्चों के साथ छुट्टियाँ मनाने ग्रीस जाया करती थी। इधर ओनासिस की इच्छा थी कि इस देश के राष्ट्रपति की विधवा से शादी की जाए लेकिन जैकलिन के मन में उसकी अपार संपत्ति थी। अंतत: दोनों की शादी हो गई। ओनासिस बूढ़ा और कुरूप था। शादी क्या हुई एक तरह का सौदा हुआ। इस तरह की बातें लिखी थीं जैकलिन को खर्च के लिए इतने डालर दिए जाएँगे दो-बच्चों को अलग से पैसा दिया जाएगा। तीन-ओनासिस की लड़की और जैकलिन में पैसों का बँटवारा इस तरह से होगा। यहाँ तक लिखा था कि महीने में सिर्फ दस दिन ओनासिस जैकलिन के कमरे में सोएगा।

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