ई-पुस्तकें >> परसाई के राजनीतिक व्यंग्य परसाई के राजनीतिक व्यंग्यहरिशंकर परसाई
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राजनीतिक विषयों पर केंद्रित निबंध कभी-कभी तत्कालीन घटनाक्रम को ध्यान में रखते हुए अपने पाठ की माँग करते हैं लेकिन यदि ऐसा कर पाना संभव न हो तो भी परसाई की मर्मभेदी दृष्टि उनका वॉल्तेयरीय चुटीलापन इन्हें पढ़ा ले जाने का खुद में ही पर्याप्त कारण है।
समय बीतता गया। मेरी का स्वभाव असहनशील और चिड़चिड़ा होता गया। लिंकन से उसकी बहुत लड़ाई होती थी वह चीखती थी चिल्लाती थी और गाली देती थी। एक दिन उसने गर्म पानी की बाल्टी लिंकन पर फेंक दी। वह राष्ट्रपति भवन के बाहर सड़क पर चीखती और चिल्लाती थी। उसके लड़के कहते थे कि हमारी माँ पागल हो गई है। इर्विन स्टोन ने जहाँ तक हो सका मेरी के इस पक्ष को संभाला है, इसे भी प्रेम प्रगट करने का तरीका बताया। स्टोन का कहना है कि उसे सनक के दौरे जरूर आते थे पर प्रेम तो अमर है। लिंकन को थियेटर में जहाँ उनके दक्षिण के विरोधियों ने उन्हें गोली मारी तब उनके बगल में मेरी टाड थी। आश्चर्य होता है कि राष्ट्रपति की इतनी जिम्मेदारी लिए लिंकन शांत कैसे रहते थे। वह काम कैसे कर पाते होंगे। संतुलन कैसे बनाए रखते होंगे। वास्तव में भीतर से लिंकन मन में बहुत ताकतवर थे। वह एक लकड़ी काटनेवाले के लड़के थे। शक्ति और सहनशीलता उसने बचपन से ही सीख ली थी। बड़ी से बड़ी बात को वह हँस कर भूल जाते और अपने काम में लग जाते।
अमरीका में बहुचर्चित हत्या के शिकार राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की पत्नी जैकलिन थी। वह इस तरह की बहुरंगी जिंदगी जीती थी कि उस पर एक अच्छा उपन्यास लिखा जा सकता था। खबर है कि उसने अपनी आत्मकथा लिखी, परंतु जैकलिन के बारे में अखबारों में लेखों में बेहिसाब लिखा गया। कैनेडी के रहते चाहे कम लिखा गया हो पर उनकी हत्या के बाद अधिक लिखा गया।
यह कहना प्रासंगिक होगा कि जॉन एफ कैनेडी खुद कैसे आदमी थे। वे बहुत कामी और बहुत सी स्त्रियों से संबंध रखते थे। शराबखाने और शराब देनेवाली लड़की से लेकर बड़ी एक्ट्रेस तक से उनके संबंध थे। पर जैकलिन पुरुषों के पीछे दौड़नेवाली महिला नहीं थी। उसकी दो महत्वाकांक्षाएँ थी। एक राष्ट्रपति से शादी करना और दूसरा बहुत सा पैसा इकट्ठा करना। जैकलिन एक सामान्य परिवार की लड़की थी। वह काफी पढ़ी-लिखी थी। पहले वह एक प्रकाशक के यहाँ संपादिका की नौकरी करती थी। इसे छोड़कर वह पत्रकार हो गई। उस समय जॉन कैनेडी सीनेटर थे। कैनेडी के आफिस में उसका जाना अक्सर होता था और यह संबंध मित्रता में बदल रहा था। अंतत: जॉन कैनेडी के राष्ट्रपति होने के पहले ही उनका विवाह हो गया। अब जैकलिन कैनेडी एक महान देश की राजधानी वाशिंगटन में व्हाइट हाउस में रहने लगीं और उसकी मलिका हो गईं।
उन दिनों के बारे में बहुत जानकारी नहीं है। वह सुंदरी थी उसमें शक नहीं, पर उसके स्वभाव में पुरुषों को फँसाना नहीं था। कुछ मित्र उसके जरूर थे, पर साधारण। वह व्हाइट हाउस की व्यवस्था बहुत कुशलता से करती थी, उसने बहुत खर्चों में कटौती की, विशेषकर शराब। उसके साथ काम करनेवाले कहते थे कि वह बहुत कंजूस है और पैसा जोड़ने में लगी रहती है।
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