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नीलकण्ठ

गुलशन नन्दा

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :431
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9707
आईएसबीएन :9781613013441

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गुलशन नन्दा का एक और रोमांटिक उपन्यास

'मालिक!'

'घर में आप कुछ सही किंतु कारखाने की मालिक आप ही हैं।'

'लेकिन-’

'आप छोड़िए इसको - क्या सेवा करूँ?'

'पहले यह कहिए बेला कहाँ है?'

'अस्पताल में-’

'उसका स्वास्थ्य-’

'अच्छा है - संदेश भेजा है उसने?'

'क्या?'

'अपनी भूल की क्षमा माँगी है।'

संध्या ने आनन्द की ओर देखा और फिर बोली-'यह उसका संदेश नहीं - आपके मन की आवाज है - आप उसके लिए झूठ बोल रहे हैं।'

आनन्द ने आँखें नीची कर लीं। वास्तव में उसने झूठ बोला था।

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