लोगों की राय
धर्म एवं दर्शन >>
आत्मतत्त्व
आत्मतत्त्व
प्रकाशक :
भारतीय साहित्य संग्रह |
प्रकाशित वर्ष : 2016 |
पृष्ठ :109
मुखपृष्ठ :
ईपुस्तक
|
पुस्तक क्रमांक : 9677
|
आईएसबीएन :9781613013113 |
 |
|
9 पाठकों को प्रिय
27 पाठक हैं
|
आत्मतत्त्व अर्थात् हमारा अपना मूलभूत तत्त्व। स्वामी जी के सरल शब्दों में आत्मतत्त्व की व्याख्या
इस प्रकार प्रकृति के विकास और आत्मा की अभिव्यक्ति का सिद्धान्त आ जाता है। उच्चतर और उच्चतर संघातों से युक्त विकास की प्रक्रियाएँ आत्मा में नहीं हैं; वह जो कुछ है, पहले से ही है। वे प्रकृति में हैं। किन्तु जैसे-जैसे प्रकृति का विकास उत्तरोत्तर उच्चतर से उच्चतर संघातों की ओर अग्रसर होता है, आत्मा की गरिमा अपने को अधिकाधिक व्यक्त करती है। कल्पना करो कि यहाँ एक पर्दा है, और पदें के पीछे आश्चर्यजनक दृश्यावली है। पर्दे में एक छोटासा छेद है, जिसके द्वारा हम पीछे स्थित दृश्य के एक क्षुद्र अंशमात्र की झलक पा सकते हैं। कल्पना करो कि वह छेद आकार में बढ़ता जाता है। छेद के आकार में वृद्धि के साथ पीछे स्थित दृश्य दृष्टि के क्षेत्र में अधिकाधिक आता है; और जब पूरा पर्दा विलुप्त हो जाता है, तो तुम्हारे तथा उस दृश्य के मध्य कुछ भी नहीं रह जाता; तब तुम उसे सम्पूर्ण देख सकते हो। पर्दा मनुष्य का मन है। उसके पीछे आत्मा की गरिमा, पूर्णता और अनन्त शक्ति है; जैसे-जैसे मन उत्तरोत्तर अधिकाधिक निर्मल होता जाता है, आत्मा की गरिमा स्वयं को अधिकाधिक व्यक्त करती है। ऐसा नहीं है कि आत्मा परिवर्तित होती है, वरन् परिवर्तन पर्दे में होता है। आत्मा अपरिवर्तनशील वस्तु, अमर, शुद्ध, सदा मंगलमय है।
अतएव, अन्तत: सिद्धान्त का रूप यह ठहरता है। उच्चतम से लेकर निम्नतम और दुष्टतम मनुष्य तक में, मनुष्यों में महानतम व्यक्तियों से लेकर हमारे पैरों के नीचे रेंगनेवाले कीड़ों तक में शुद्ध और पूर्ण अनन्त और सदा मंगलमय आत्मा विद्यमान है। कीड़े में आत्मा अपनी शक्ति और शुद्धता का एक अणुतुल्य क्षुद्र अंश ही व्यक्त कर रही है और महानतम मनुष्य में उसका सर्वाधिक। अन्तर अभिव्यक्ति के परिणाम का है, मूल तत्त्व में नहीं। सभी प्राणियों में उसी शुद्ध और पूर्ण आत्मा का अस्तित्व है।
...Prev | Next...
मैं उपरोक्त पुस्तक खरीदना चाहता हूँ। भुगतान के लिए मुझे बैंक विवरण भेजें। मेरा डाक का पूर्ण पता निम्न है -
A PHP Error was encountered
Severity: Notice
Message: Undefined index: mxx
Filename: partials/footer.php
Line Number: 7
hellothai