भाषा एवं साहित्य >> पीढ़ी का दर्द पीढ़ी का दर्दसुबोध श्रीवास्तव
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संग्रह की रचनाओं भीतर तक इतनी गहराई से स्पर्श करती हैं और पाठक बरबस ही आगे पढ़ता चला जाता है।
इजाज़त दो, तो...
एक कविता
लिखना चाहता हूँ
तुम पे-
अगर
इजाज़त दो, तो !
ज्यादा कुछ नहीं
बस
नाम ही काफी है
तुम्हारा,
सार्थक करने को
कविता!
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