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पीढ़ी का दर्द
पीढ़ी का दर्द
प्रकाशक :
भारतीय साहित्य संग्रह |
प्रकाशित वर्ष : 2016 |
पृष्ठ :118
मुखपृष्ठ :
ईपुस्तक
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पुस्तक क्रमांक : 9597
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आईएसबीएन :9781613015865 |
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7 पाठकों को प्रिय
185 पाठक हैं
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संग्रह की रचनाओं भीतर तक इतनी गहराई से स्पर्श करती हैं और पाठक बरबस ही आगे पढ़ता चला जाता है।
भूकंप
उस रोज फिर
गुस्से में
करवट बदली धरती ने
और
अपनी असंख्य सन्तानों को
गोद में
समेट लिया।
आदम-
यह संकेत है
तुम्हारे लिए
शायद, जान सको तुम
धरती की संतान होने का अर्थ
और
परिभाषा
आदम जाति की।
धरती-
खुद नहीं बयान करती
दर्द अपना
बस, कसमसा कर
बेचैनी से करवट बदल लेती है।
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पुस्तक का नाम
पीढ़ी का दर्द
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