लोगों की राय

ई-पुस्तकें >> काँच की चूड़ियाँ

काँच की चूड़ियाँ

गुलशन नन्दा

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :221
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9585
आईएसबीएन :9781613013120

Like this Hindi book 2 पाठकों को प्रिय

241 पाठक हैं

एक सदाबहार रोमांटिक उपन्यास

''सवेरे से कुछ खाया... काकी...?'' कुछ क्षण रुक गंगा ने पूछा।

''नहीं... ''

''तो दूध लोगी?''

''दूध लाया ही कौन है।''

''मैं अभी लाई...'' यह कहते हुए गंगा उठी, पर काकी ने उसका हाथ थाम लिया और बडे स्नेह से बोली-

''तू कहां से लायेगी?''

''अपने घर...''

''बावली...तेरे अपने घर में जाने चूल्हा भी जलता है या नहीं...''

''काकी... '' अनायास गंगा के मुख से निकल पड़ा।

''आंखों को ज्योति भले न रहे, परन्तु मन का उजाला तो गया नहीं। पगली! भला मैं अपनी गंगा को न पहचानूं। मेरे दुःख... मेरी पीड़ा को पहचानने वाली मेरी गंगा के अतिरिक्त भला और कौन हो सकता है!''

''मुझे क्षमा कर दो.. काकी!'' गंगा ने ग्लानि-भरे स्वर में कहा।

''क्षमा तो मुझे माँगनी चाहिए तुम से... अपने पापों की क्षमा... भगवान तो सजा दे ही रहा है... किन्तु मेरे पाप तो तब कटेंगे, जब मैं अपनी बेटी का घर बसा दूंगी।''

गंगा ने धीरे से अपना हाथ काकी के हाथ से छुड़ाने का असफल प्रयत्न किया, परन्तु काकी ने और दृढ़ता से पकड़ लिया। काकी ने फिर कहा-

''मैंने मोहन को तार दे रखा है। यदि वह न आया तो मैं स्वयं तुम्हें ले जाकर उसके यहां छोड आऊंगी।''

गंगा चुपचाप सब सुनती रही। काकी के हाथ की ढील पड़ते ही वह हाथ छुड़ाकर उठ गई और घर की बिखरी वस्तुएं संभालने लगी। बातों ही बातों में उसने काकी को यह बता डाला कि बह गांव से बाहर रूपा से मिली थी। काकी की आखों में आंसू उमड़ पड़े। गंगा काकी का बिस्तर सँवारने लगी तो तकिये से फिसल कर एक पत्र नीचे जा गिरा। गंगा को लगा जैसे पत्र की लिखावट जानी-पहिचानी थी। आंख बचा कर उसने वह पत्र उठा लिया और बहाना बनाकर बाहर चली गई। उसका अनुमान सही निकला. वह पत्र मोहन का ही था। पत्र में मोहन ने काकी को लिखा था, ''तुम्हारी बीमारी के समाचार से बड़ी चिन्ता हो रही है। छुट्टी का प्रयत्न कर रहा हूँ, पर डरता हूँ कि गांब में आकर घाव फिर से हरे न हो जायें...''

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai