ई-पुस्तकें >> खामोश नियति खामोश नियतिरोहित वर्मा
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कविता संग्रह
अल्फ़ाज़
वक्त आया हजारों सपने एक साथ पाले,
कुछ कहना चाहते थे,
वक्त की बंदिशों ने कुछ कहने न दिया,
वक्त वे वक्त की कहानियाँ,
कही अनकही है,
यकीन करना तो मुश्किल है,
पर समझना आसान……।
आज अल्फाजों की किताब हाथ आई है,
पता नहीं कौन सी दास्ताँ बयां करने आयी है,
अक्षरों के गहरे समंदर में से,
एक नई कहानी बयां करने आई है,
आज अल्फाजों की किताब हाथ आई है।
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