ई-पुस्तकें >> खामोश नियति खामोश नियतिरोहित वर्मा
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कविता संग्रह
परिंदे
कुछ दरिंदों ने एक परिंदे के पर काट दिए,
फिर उसे उड़ने की तालीम
और कला सिखा रहा है,
परिंदे तुझे खुले आसमान में
खुलकर उड़ना है,
बिना पंख के.............
चलना तुझको भी होगा,
चलना मुझको भी होगा,
इस कायनात से फना,
तुझको भी होना होगा
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