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खामोश नियति

रोहित वर्मा

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :41
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9583
आईएसबीएन :9781613015957

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कविता संग्रह

कतार

एक तस्वीर में तुम्हारा ज़िक्र था,

अजनबी आवाज़ें मैंने कभी सुनी नहीं हैं,

उन पर यकीन भी ना था,

खबाब की दुनियाँ में हक़ीकत का राज था,

सभी अपने सपनों की टोकरी लिए

लंबी कतार में खड़े हैं,

वहीं पर कुछ लोगों के सपने बिखरे पड़े हैं,

और कुछ जोड़ने की कोशिश में हैं,

एक शख़्स उस लंबी कतार के आखिर में खड़ा है,

अपनी एक सपनों की टोकरी लिए।

हक़ीकत के दुनियाँ में,

जहाँ सब के सपने सच होते है,

वो शख़्स मैं था,

अपनी बारी के इंतजार में ......।

¤ ¤

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Rohit Kumar

Respected Sir/Madam, I am very much thankful for this book....

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