ई-पुस्तकें >> खामोश नियति खामोश नियतिरोहित वर्मा
|
7 पाठकों को प्रिय 273 पाठक हैं |
कविता संग्रह
योग
योग कायनात की राह है,
"आरंभ" एक चाह है,
हर वक्त गूँजता है,
आग की लपटों में
खामोशी की तरह....
¤ ¤
|