ई-पुस्तकें >> खामोश नियति खामोश नियतिरोहित वर्मा
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कविता संग्रह
आग की लपटें बुझ गई, बारिश की बौछार से ........
उस राख में अभी भी वो अधूरी तस्वीर थी,
जो बारिश की बूँदों से मिट गई थी.......
पत्तों से बनी एक तस्वीर देखी,
एक और कई तस्वीर देखी,
कब तक चलते रहेंगे,
आज छाँव देखी,
ठहर गया वक्त का चलना जब,
मैने जलती हुई राख देखी।
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